वहां का सबसे पहला सुसाइड बॉम्बर अफगानिस्तान का हाफेज अब्दल्लाह था, जिसने साल 2004 में खुद को आर्मी जीप के साथ उड़ा दिया था। नाटो की एक रिपोर्ट के अनुसार हक्काना नेटवर्क और तालिबान में सबसे ज्यादा बच्चों को सुसाइड बॉम्बर बनाया जाता है। सुसाइड बॉम्बर बनाने के लिए बच्चों को मदरसों या इस्लामी कॉलेजों से चुना जाता है। यहां कईं परिवार ऐसे भी हैं, जिन्हें पता ही नहीं होता कि उनके बच्चों का इस्तेमाल सुसाइड बॉम्बर के लिए किया जा रहा है। कुछ समय पहले अफगानिस्तान बॉर्डर से 10 साल के बच्चे को गिरफ्तार किया गया था। इस बच्चे का नाम गुल खान था, इसने बताया कि उसके पिता ने उसे मौलवी शेर जान के मदरसे में उसे भेजा था। वहां पर रोजाना मौलवी उसे और बाकी बच्चों को विदेशियों को मारने की बात कहता था।