Thursday, March 28, 2024
Advertisement

China के विदेश मंत्री Wang Yi ने Europe पर Jaishankar के बयान की जमकर तारीफ की

चीन में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत के साथ बुधवार को अपनी पहली बैठक में वांग ने जयशंकर के बयान की जमकर तारीफ की।

Vineet Kumar Singh Edited by: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Updated on: June 24, 2022 7:03 IST
China, Jaishankar on Europe, China on Jaishankar, China Praises Jaishankar- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE External Affairs Minister S Jaishankar with his Chinese counterpart Wang Yi.

Highlights

  • विदेश मंत्री जयशंकर का बयान भारत की ‘आजादी की परम्परा’ को दिखाता है: चीन
  • चीन ने कहा कि हमें अपने रिश्तों की गर्मजोशी बरकरार रखने की कोशिश करनी चाहिए।
  • वांग ने रावत से कहा कि चीन और भारत 2 महान प्राचीन पूर्वी सभ्यताएं हैं।

China: विदेश मंत्री एस. जयशंकर की हाजिरजवाबी और वैश्विक मामलों पर उनकी पकड़ के प्रशंसक तो बहुत हैं, लेकिन अब चीन ने भी उनके बयानों की जमकर तारीफ की है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने जयशंकर के उस बयान की तारीफ की है, जिसमें उन्होंने यूरोप (Europe) के वर्चस्ववाद को अस्वीकार करते हुए कहा था कि चीन-भारत अपने संबंधों को दुरुस्त करने में ‘पूरी तरह से सक्षम’ हैं। वांग यी (Wang Yi) ने कहा है कि जयशंकर (S Jaishankar) का बयान भारत की ‘आजादी की परम्परा’ को दिखाता है।

‘भारत और चीन को एक दिशा में कोशिश करनी चाहिए’

चीन में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत के साथ बुधवार को अपनी पहली बैठक में वांग ने कहा कि दोनों देशों को अपने रिश्तों की गर्मजोशी बरकरार रखने, उन्हें पटरी पर लाने तथा पहले जैसी स्थिति में पहुंचाने के लिए एक ही दिशा में कोशिश करनी चाहिए। विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए बयान में उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को तमाम वैश्विक चुनौतियों का सामना करने और चीन, भारत और अन्य विकासशील देशों के साझा हितों की रक्षा के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

‘यह भारत की आजादी की परंपरा को दिखाता है’
वांग ने रावत से कहा, ‘हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सार्वजनिक रूप से यूरोपीय वर्चस्ववाद को नकारने और चीन-भारत संबंधों में बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप पर आपत्ति जताई थी। यह भारत की आजादी की परंपरा को दिखाता है।’ बता दें कि बीते 3 जून को स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा में एक सम्मेलन में एक डायलॉग सेशन में जयशंकर ने कहा था कि यूरोप को इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा कि उसकी समस्याएं दुनिया की समस्याएं हैं, लेकिन दुनिया की समस्याएं यूरोप की समस्याएं नहीं हैं।

‘चीन और भारत 2 महान प्राचीन पूर्वी सभ्यताएं हैं’
अपने बयान में जयशंकर ने यूरोप के इस कॉन्सेप्ट को खारिज कर दिया था कि यूक्रेन हमले को लेकर भारत के रुख की वजह से चीन के साथ किसी मुश्किल स्थिति में भारत को मिलने वाली दुनिया की मदद पर असर पड़ सकता है। जयशंकर ने कहा था कि भारत का चीन के साथ एक कठिन रिश्ता है, लेकिन यह इसे दुरुस्त करने में ‘पूरी तरह से सक्षम’ है। वांग ने रावत से कहा कि चीन और भारत 2 महान प्राचीन पूर्वी सभ्यताएं हैं, 2 प्रमुख उभरते विकासशील देश और 2 प्रमुख पड़ोसी देश हैं।


सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जयशंकर का बयान
बता दें कि जयशंकर का बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। सोशल मीडिया पर कई दिनों तक जयशंकर के डायलॉग सेशन के अलग-अलग हिस्सों को शेयर किया जाता रहा। जयशंकर ने उस दौरान यह भी कहा था कि भारत का किसी भी एक पक्ष की तरफ से खड़े होना जरूरी नहीं है। साथ ही उन्होंने रूस से तेल खरीदने के मसले पर कहा था कि यूरोप रूस से हमारे मुकाबले कई गुना ज्यादा उर्जा खरीदता है।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement