Saturday, April 27, 2024
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राष्ट्रपति पद के लिए कोर्ट से अयोग्य करार दिए जाने के बाद अब प्रांतीय निर्वाचन से भी बाहर हुए ट्रंप, जानें अब क्या करेंगे डोनॉल्ड

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप को प्रांतीय चुनावों के निर्वाचन में भी बढ़ा झटका लगा है। इस निर्वाचन में भी उनके भाग ले सकने पर रोक लगा दी गई है। इससे पहले अमेरिका की एक अदालत ने ट्रंप को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहरा है, जिसे पूर्व राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: December 29, 2023 12:10 IST
डोनॉल्ड ट्रंप, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति। - India TV Hindi
Image Source : AP डोनॉल्ड ट्रंप, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति।

वर्ष 2024 में दोबारा अमेरिका का राष्ट्रपति बनने का सपना देख रहे डोनॉल्ड ट्रंप को झटके पर झटका लगना जारी है। कोर्ट द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य करार दिए जाने के बाद अब उन्हें प्रांतीय चुनावों में प्राथमिक निर्वाचन से भी बाहर कर दिया गया है। इससे पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप का सपना टूटता और बिखरता नजर आने लगा है। बता दें कि माइने की डेमोक्रेटिक सचिव ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को संविधान के विद्रोह संबंधी उपबंध के तहत, राष्ट्रपति पद के लिए प्रांत के प्रायमरी निर्वाचन से बाहर कर दिया है।
 
इस फैसले के बाद शेन्ना बेल्लोस इस तरह की एकतरफा कार्रवाई करने वाली पहली चुनाव अधिकारी बन गयी हैं। इस बीच, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट यह फैसला करने वाला है कि ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए पात्र रहेंगे या नहीं। डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रदेश सचिव शेन्ना बेल्लोस के इस फैसले से पहले इस माह के प्रारंभ में कोलोराडो के सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप को 14 वें संशोधन की धारा तीन के तहत वहां निर्वाचन से बाहर कर दिया था। बहरहाल, इस फैसले पर तबतक के लिए रोक है जबतक अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट इस बात पर फैसला न कर ले कि ट्रंप गृहयुद्ध कालीन इस प्रावधान के तहत चुनाव से वंचित किये जा सकते हैं या नहीं।
 

माइने के फैसले को भी ट्रंप देंगे कोर्ट में चुनौती

प्रांतीय चुनावों के निर्वाचन में भाग लेने से ट्रंप को रोकने वाले माइने के फैसले को ट्रंप की ओर से कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। जिस कानून के तहत ट्रंप को निर्वाचन में भाग लेने से मना किया गया है, वह प्रावधान ‘विद्रोह में शामिल व्यक्ति को’ किसी पद पर आसीन होने से रोकता है। ट्रंप के चुनाव प्रचार अभियान दल ने कहा है कि वह बेल्लोस के फैसले को माइने की प्रांतीय अदालत में चुनौती देगा। बेल्लोस ने अदालत द्वारा इस पर निर्णय लिये जाने तक अपने फैसले को निलंबित कर दिया है। आखिर में , ऐसी संभावना है कि देश की सर्वोच्च अदालत ही यह तय करेगी कि ट्रंप माइने और अन्य प्रांतों के निर्वाचन में हिस्सा ले पायेंगे या नहीं। ​ (एपी) 
 

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