Saturday, April 27, 2024
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बिहार में शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहाल, गुस्साई छात्राओं ने सड़क पर जमकर किया प्रदर्शन; एजुकेशन मिनिस्टर सनातन पर अटैक करने में बिजी

बिहार में शिक्षा व्यवस्था की हालात में सुधार होने का नाम नहीं ले रहा है। बदहाली से तंग आकर छात्राओं ने अब सड़क पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। ऐसे में शिक्षा मंत्री को शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान देने की सख्त जरूरत है।

Shailendra Tiwari Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Updated on: September 15, 2023 14:28 IST
bihar, - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV भागलपुर में छात्राओं ने किया प्रदर्शन

पटना: आज़ादी के 74 साल बाद भी  बिहार में शिक्षा व्यवस्था का हाल-बेहाल है। अचरज की बात है आज भी बच्चे ज़मीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं और बिहार के शिक्षा मंत्री सनातन पर अटैक कर रहे हैं, रामचरितमानस के खिलाफ अनाप-शनाप बोल रहे हैं, लेकिन उनका जो काम है, वो उस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा, “रामचरितमानस में पोटेशियम साइनाइड है, ऐसे में जब तक ये रहेगा तब तक इसका विरोध होता रहेगा”। बिहार की शिक्षा व्यवस्था का क्या हाल है, सुशासन बाबू के राज में शिक्षा क्षेत्र में कितना विकास हुआ है उसे आप कुछ ऐसे समझ सकते हैं राज्य के कई स्कूलों में बैठने की जगह नहीं है, कहीं तो बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।

 छात्राओं ने सड़क पर किया विरोध

बिहार के स्कूलों की बदहाली से अब छात्र-छात्राओं का सब्र जवाब देता दिखाई दे रहा है। बीते बुधवार को तंग आकर भागलपुर में क्लास छोड़कर छात्राओं को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा है। बता दें कि जगदीशपुर बाजार स्थित प्रोजेक्ट कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राएं विद्यालय में शौचालय पानी और बेंच डेस्क की कमी को लेकर बुधवार को सड़क पर उतर गईं। गुस्साई छात्राओं ने भागलपुर दुमका मुख्य मार्ग को जगदीशपुर अस्पताल चौक के निकट करीब 1 घंटे तक जाम कर दिया। इसकी सूचना प्रखंड विकास पदाधिकारी, पुलिस प्रशासन विभाग के अधिकारियों को मिली तो प्रखंड विकास पदाधिकारी और डीपीओ ने मौके पर पहुंचकर छात्राओं को समझाकर 1 घंटे बाद रोड से जाम हटाया।

स्कूल में काफी असुविधा

छात्राओं ने बताया कि स्कूल में पेयजल की सुविधा, शौचालय की सुविधा, बैठने के लिए बेंच टैक्स भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है। साथ ही विद्यालय परिसर में पानी का भी जमा हो गया है। जिससे काफी असुविधा हो रही है। इस ओर न तो विद्यालय की प्रधानाध्यापिका का ध्यान है और न तो विद्यालय प्रबंधन एवं प्रशासन इस पर कभी ध्यान देते हैं, इसलिए हम लोगों को सड़क पर उतरना पड़ा। 

 प्रधानाध्यापिका की लापरवाही

इस मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी रघुनंदन आनंद, आशुतोष चंद्र मिश्र और डीपीओ मुस्तफा आलम ने कहा कि छात्राओं की सारी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा। स्कूल फंड  और डेवलपमेंट फंड की राशि से पेयजल एवं सभी सुविधा का व्यवस्था की जाएगी। इस मामले में प्रधानाध्यापिका रेणु कुमारी की लापरवाही सामने आई है। उन्होंने इसकी जानकारी मुझे और वरीय पदाधिकारी को नहीं दी जिस कारण छात्राओं ने आंदोलन किया।

एक और स्कूल की हालत खराब

भागलपुर में सिर्फ एक ही स्कूल नहीं है, जहां इस तरह की बदइंतजामी है। भागलपुर के ही एक और स्कूल में भी कुछ ऐसे हाल हैं। यहां मोमिन टोला में एक स्कूल चल रहा है, जहां सिर्फ चार कमरे है, जिसमें दो-दो स्कूल चलते हैं। हालत ये है कि स्कूल के एक ही कमरे में पहली कक्षा से लेकर 5वीं कक्षा तक के छात्रों को पढ़ाया जाता है। जब बच्चे कमरे में भर जाते हैं तो बाकी बच्चों को छत की रेलिंग के किनारे बैठाकर पढ़ाया जाता है। अब ऐसे हालात में शिक्षा मंत्री को किसी मुद्दे पर कम और अपने काम पर ज्यादा फोकस करने की जरूरत है।

(रिपोर्ट- सुशील) 

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