Sunday, April 28, 2024
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दिल्ली शराब घोटाला मामला: मनीष सिसोदिया की बढ़ी परेशानी, जमानत पर अब 24 मार्च को होगी सुनवाई

दिल्ली शरब घोटाला मामले में सजा काट रहे आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने जमानत की अर्जी दी थी और कोर्ट से गुहार लगाई थी कि मेरी पत्नी मेरे बच्चों को देखने वाला कोई नहीं लेकिन कोर्ट ने जमानत नहीं दी। अब अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी.

Kajal Kumari Edited By: Kajal Kumari
Published on: March 21, 2023 19:08 IST
Manish sisodia bail- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO मनीष सिसोदिया को नहीं मिली जमानत

दिल्ली: शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गई हैं। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली शराब घोटाला मामले से जुड़े सीबीआई मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को मंजूरी नहीं दी है। तमाम दलीलों के बावजूद कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत नहीं दी है। अब मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई 24 मार्च को होगी। कोर्ट ने यह फैसला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करने और गिरफ्तारी के बाद चार्जशीट दाखिल करने के लिए 60 दिन निर्धारित करने की समयसीमा के बाद आया है। 

मनीष सिसोदिया ने कोर्ट से लगाई गुहार

मनीष सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने तर्क दिया कि, मुझे जारी किए गए नोटिसों का मैंने अनुपालन किया। जांच में शामिल हो गया, हिरासत में पूछताछ की आवश्यकताएं अब बची नहीं हैं क्योंकि यह चरण पहले ही पार हो चुका है। अपराध 7 साल तक के लिए दंडनीय हैं। यह दिखाने के लिए कुछ भी सामग्री नहीं है कि मैं गवाहों को प्रभावित कर सकता हूं। मेरी पत्नी और बच्चे अकेले हैं और मुझे जमानत दी जाए। 

सीबीआई ने जताया कड़ा विरोध

सीबीआई ने दावा किया, "सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया गया था और अगर उन्हें जमानत पर रिहा किया गया तो वह हमारी जांच को खतरे में डाल देंगे क्योंकि सबूतों को नष्ट करना उनका एक निरंतर अभ्यास था। ऐसे में अगर उन्हें जमानत दी जाती है, तो यह हमारी जांच को प्रभावित करेगा और प्रभाव और हस्तक्षेप बड़े पैमाने पर रहने के कारण वे समझौता भी कर सकते हैं।"

सीबीआई के लिए विशेष लोक अभियोजक, एडवोकेट डीपी सिंह ने कहा  कि मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने फोन नष्ट कर दिए क्योंकि वह अपग्रेड करना चाहते थे। इसका विरोध करते हुए सीबीआई ने कहा, "हमारी जांच के अनुसार, उसने (मनीष सिसोदिया) चैट को नष्ट करने के लिए ऐसा किया। उन्होंने सबूत को नष्ट करने के लिए ही ऐसा किया होगा,आगे भी वे सबूत नष्ट कर सकते हैं और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।"

सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई ने यह भी कहा कि 14 से 17 मार्च 2021 के बीच सिसोदिया साउथ ग्रुप ओबेरॉय में रह रहे थे और वहां उन्होंने एक नोट तैयार किया और उसका प्रिंटआउट लिया। सीबीआई ने बताया कि उन्हें 36 पेज की फोटोकॉपी मिली हैं। तब वहां बैठकें होती थीं और प्रिंट आउट हो जाता था।

सीबीआई ने आगे कहा कि COVID के चरम समय के दौरान, जब लोग घर में बंद थे, साउथ ग्रुप ने एक चार्टर्ड विमान लिया और अक्सर दिल्ली की यात्रा की, दिल्ली के होटल में रुके और उन्हें सभी मानदंडों के खिलाफ लाइसेंस दिया गया।

"जबकि सरकार दिल्ली की उत्पाद शुल्क नीति को बदलने की योजना बना रही थी..इसमें मुकुल रोहतगी, पूर्व सीजेआई राजन गोगोई और पूर्व न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन से कानूनी राय ली गई। इन कानूनी रायों ने यथास्थिति की वकालत की।" 
 

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