Thursday, May 02, 2024
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VIDEO: दिल्ली शराब घोटाला मामले में AAP MP संजय सिंह के घर ED की छापेमारी, पिता ने कहा-हम इंतजार करेंगे

सुबह-सुबह ईडी की टीम आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के घर पहुंची है। टीम ने पहुंचते ही छापेमारी शुरू कर दी है। किस मामले में ईडी ने ये कार्रवाई की है अबतक इसकी सूचना नहीं है।

Kajal Kumari Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Updated on: October 04, 2023 9:10 IST
ED Raid at aap mp sanjay singh house- India TV Hindi
Image Source : ANI आप सांसद संजय सिंह के घर ईडी की छापेमारी

दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय की टीम आज सुबह-सुबह आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के घर पहुंची है। पहुंचते ही ईडी ने छापेमारी शुरू कर दी है। मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली शराब कांड मामले में संजय सिंह के घर पर ईडी ने छापा मारा है। बुधवार की सुबह 7 बजे ED की टीम आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद के घर पहुंची और छापेमारी शुरू कर दी है। बता दें कि शराब घोटाले में ED की चार्टशीट में तीन जगहों पर संजय सिंह का नाम शामिल है। आज सुबह 8-9 लोगों की ED टीम आप सांसद के नार्थ एवेन्यू स्थित सरकारी आवास में घुसी, फ़िलहाल ED की टीम घर के अंदर मौजूद है। बताया जा रहा है कि ED के अधिकारी और फ़ोर्स सहित 20 लोग घर के अंदर मौजूद हैं।

दिल्ली आबकारी नीति मामले में दो आरोपी के सरकारी गवाह बनने के बाद ईडी की टीम संजय सिंह के घर पहुंची है। बता दें कि मनी लांड्रिंग मामले में आरोपी राघव मगुंटा सरकारी गवाह बने हैं। राघव मगुंटा YSR कांग्रेस के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे हैं। कोर्ट ने दिनेश अरोड़ा को भी सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी। इससे पहले अरबिंदो फार्मा के निदेशक शरद रेड्डी दिल्ली आबकारी नीति मामले में सरकारी गवाह बन चुके हैं। दिल्ली आबकारी मनी लांड्रिंग मामले में फिलहाल राघव मगुंटा और दिनेश अरोड़ा जमानत पर हैं। दिल्ली आबकारी मनी लांड्रिंग मामले में अब तक तीन लोग सरकारी गवाह बन चुके हैं।

 AAP सांसद संजय सिंह के आवास पर ED की छापेमारी पर उनके पिता बोले, "विभाग अपना काम कर रहा है, हम उनका सहयोग करेंगे...मैं उस समय का इंतजार करूंगा जब उन्हें मंजूरी मिलेगी..."

क्या है दिल्ली शराब घोटाला मामले, निशाने पर आप नेता

 दिल्ली सरकार ने साल 2021 से दिल्ली में नई शराब नीति लागू की थी, जिसके तहत शराब का कारोबार पूरी तरह से निजी हाथों में सौंप दिया गया था। दिल्ली सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी लाने के पीछे ये तर्क दिया था कि इससे माफिया राज खत्म हो जाएगा और इससे सरकार के राजस्व में भी इजाफा होगा। लेकिन  सरकार के दावे फेल हो गए थे और सरकार को राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ा था। सरकार ने खुद ही माना कि शराब की भारी बिक्री के बावजूद रेवेन्यू का भारी नुकसान हुआ है। इसे लेकर दिल्ली सरकार आलोचनाओं के घेरे में आ गई और मुख्य सचिव नरेश कुमार ने सबसे पहले सरकार पर अनियमितताओं का आरोप लगाया था।

नरेश कुमार ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को रिपोर्ट में पॉलिसी में गड़बड़ी के साथ ही डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का भी आरोप लगाया था, जिसके बाद वीके सक्सेना ने इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।सीबीआई ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था और कई लोगों से इस मामले में पूछताछ की गई थी। इस मामले में हुए विवाद के बाद दिल्ली की आम आदमी की सरकार ने फिर से पुरानी शराब नीति को लागू कर दिया था।

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