Friday, April 26, 2024
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तमिलनाडु में सहपाठियों का उड़ाया गया मजाक, 80 आदिवासी छात्रों ने छोड़ा स्कूल

तमिलनाडु के तंजावुर में एक स्कूल में कुछ छात्रों ने कुछ आदिवासी बच्चों का मजाक उड़ाया और अपमान किया जिसके बाद उनके साथ में पढ़ने वाले अन्य आदिवासी बच्चों ने भी स्कूल जाना बंद कर दिया।

Pankaj Yadav Edited By: Pankaj Yadav @ThePankajY
Published on: January 01, 2023 17:30 IST
80 आदिवासी छात्रों ने छोड़ा स्कूल।- India TV Hindi
80 आदिवासी छात्रों ने छोड़ा स्कूल।

तमिलनाडु के तंजावुर जिले में कम से कम 80 आदिवासी छात्रों ने अपने सहपाठियों का मजाक उड़ाने और अपमान करने की वजह से स्कूल जाना बंद कर दिया है। छात्र नारिकुरवा समुदाय के हैं। जिला शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, अन्य छात्र उनकी अजीबोगरीब बोली और तौर-तरीकों को लेकर उनका मजाक उड़ाते हैं, जिसके कारण छात्रों को स्कूल छोड़ना पड़ा।

साथी छात्रों ने उड़ाया मजाक इसलिए छोड़ा स्कूल

तंजावुर जिले के अधिकारियों के अनुसार, आंगनवाड़ी कर्मचारियों, पुलिस, चाइल्डलाइन, एकीकृत स्कूल शिक्षा विभाग और ब्लॉक संसाधन शिक्षकों के सहयोग से जिले में एक सर्वेक्षण के बाद छात्रों की पहचान की गई। टीम ने जिले में ड्रापआउट पर एक स्टडी में पाया कि पिछले शैक्षणिक वर्ष में 1,700 छात्रों ने स्कूल छोड़ दिया था। टीम ने पाया कि नारिकुरवा समुदाय के 80 छात्रों ने स्कूल आना बंद कर दिया। शिक्षकों ने बताया कि छात्र नारिककुरुवा बस्ती के मेला उल्लूर गांव से थे और वे प्राइमरी सेक्शन में पढ़ रहे थे। छात्रों को स्कूल तक पहुंचने के लिए जंगल से होकर पानी की धाराओं और जंगली जानवरों को पार करना पड़ता है, लेकिन उनके साथी छात्रों ने उनका मजाक बनाया, जिसके बाद उन्होंने स्कूल जाना बंद कर दिया।

आदिवासी छात्रों के लिए गांव में ही बनाया जाएगा एक और स्कूल

तंजावुर जिला प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि जिला अधिकारी उनके आवास में एक स्कूल स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, उनके निवास स्थान के आसपास एक स्कूल था, लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान इसे बंद कर दिया गया और अधिकारी अब इस स्कूल को फिर से शुरु करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि छात्रों को उचित शिक्षा मिल सके।

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