Tuesday, May 14, 2024
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क्यों कंगना रनौत ने दिया था 'आजादी' वाला बयान? अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए रखा तर्क

कंगना रनौत के 'आजादी' वाले बयान पर बवाल शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। अपने बयान पर पक्ष रखते हुए अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट साझा किया है।

India TV Entertainment Desk Written by: India TV Entertainment Desk
Updated on: November 15, 2021 17:41 IST
Kangana Ranaut - India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM/KANGANA RANAUT क्यों कंगना रनौत ने दिया था 'आजादी' वाला बयान? अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए रखा तर्क

कंगना रनौत अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहती हैं। हाल ही में जब उन्होंने कहा था कि 1947 में भारत को जो आजादी मिली थी, वह अंग्रेजों के हाथों की भीख थी। कंगना एक मीडिया समिट में बोल रही थीं, जब उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा, "भारत को सच्ची आजादी 2014 में ही मिली थी"। कई राजनेताओं ने कंगना को अपने बयान पर माफी मांगने की सलाह दी। हाल ही में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित कंगना रनौत के बयान पर राजनेताओं ने कहा कि उनका बयान उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का अपमान करता है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

अब, अभिनेत्री ने सामने आकर अपने इंस्टाग्राम पर तस्वीरों की एक सीरीज के माध्यम से अपना बचाव किया है। उनकी पहली तस्वीर बीबीसी के एक लेख का स्क्रीनशॉट है, जिसमें बताया गया है कि 'ब्रिटेन की तरफ से भारत के लिए कोई मुआवजा क्यों नहीं दिया गया'।

पोस्ट को कैप्शन देते हुए एक्ट्रेस ने लिखा, "कैसे गोरे उपनिवेशवादी या उनके हमदर्द इस तरह की बातों से खुद को दूर रख सकते हैं? अगर आप इसका पता लगाने की कोशिश करते हैं, तो इसका जवाब मेरे बयान में है।"

वह आगे कहती हैं, "ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने भारत में किए गए अनगिनत अपराधों के लिए अंग्रेजों को जवाबदेह नहीं ठहराया। आजादी के समय हमारे देश की संपत्ति को लूटने से लेकर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को बेरहमी से मारने से लेकर हमारे देश को दो हिस्सों में बांटने तक। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, अंग्रेजों ने भारत को अपने हाल पर भारत छोड़ दिया, विंस्टन चर्चिल को युद्ध नायक के रूप में सम्मानित किया गया।"

आगे अपने पक्ष की व्याख्या करते हुए, कंगना कहती हैं, "वह वही व्यक्ति था जो बंगाल के अकाल के लिए जिम्मेदार था; क्या उसे कभी अपने अपराधों के लिए स्वतंत्र भारत की अदालतों में मुकदमा चलाया गया था? नहीं। सिरिल रैडक्लिफ, एक अंग्रेज श्वेत व्यक्ति जो पहले कभी भारत नहीं गया था। केवल 5 सप्ताह में विभाजन की रेखा खींचने के लिए अंग्रेजों द्वारा भारत लाया गया था।"

वह आगे कहती हैं, "कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों उस समिति के सदस्य थे जिसने अंग्रेजों द्वारा खींची गई विभाजन रेखा की शर्तों को तय किया, जिसके परिणामस्वरूप लगभग दस लाख लोग मारे गए। क्या जो लोग दुखद रूप से मर गए थे उन्हें स्वतंत्रता मिली थी? ब्रिटिश या आईएनसी, जो विभाजन रेखा से सहमत थे, उसके बाद हुए नरसंहार के लिए जिम्मेदार थे?"

उनके पोस्ट की तस्वीरों में स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखे गए एक पत्र और एक संपादकीय है जिसमें कहा गया है कि भारत ने वास्तव में 2014 में स्वतंत्रता प्राप्त की थी। अभिनेत्री आगे लिखती है, "हमारे पहले प्रधान मंत्री का एक पत्र है जिसमें वह भारत के गवर्नर-जनरल के रूप में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन गवर्नर की नियुक्ति के लिए ब्रिटिश अनुमोदन का अनुरोध कर रहे हैं।"

वह आगे कहती हैं, "उनका लेटर मेरी पोस्ट की दूसरी तस्वीर में है। यदि ऐसा कोई पत्र मौजूद है, तो क्या आप मानते हैं कि कांग्रेस ने अंग्रेजों को उनके अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराने का प्रयास किया था? यदि हां, तो कृपया बताएं कि मेरा बयान कैसे गलत है!"

अभिनेत्री ने अपने पोस्ट के निष्कर्ष में बताया, "क्या स्वतंत्र भारत के लिए अपनी जान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को पता था कि ब्रिटिश और हमारे राष्ट्र-निर्माता अविभाजित भारत को दो भागों में विभाजित करेंगे, जिसके परिणामस्वरूप दस लाख लोगों का नरसंहार होगा? मैं यह कहकर अपनी बात समाप्त करना चाहूंगी कि यदि हम भारत में किए गए कई अपराधों के लिए अंग्रेजों को जिम्मेदार न ठहराएं, हम अभी भी अपने स्वतंत्रता सेनानियों का अनादर कर रहे हैं। जय हिंद!"

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