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मोदी ने जेलेंस्की को दिया खास गिफ्ट, जानिए क्या है ये भीष्म क्यूब, कैसे करेगा यूक्रेन की मदद?

भारत ने यूक्रेन को जो भीष्म क्यूब दिए हैं, वह बेहद खास हैं। ये क्यूब अपनी जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन और बिजली भी बना सकते हैं। इनका वजन सिर्फ 20 किलो है और इन्हें ले जाना भी बेहद आसान है।

Edited By: Shakti Singh
Published : Aug 25, 2024 12:34 IST, Updated : Aug 25, 2024 12:34 IST
Bhism Cube- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV भीष्म क्यूब की खास बातें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार (23 अगस्त) को यूक्रेन की अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की और यूक्रेन सरकार को चार भीष्म (भारत स्वास्थ्य सहयोग हित और मैत्री पहल) क्यूब्स भेंट किए। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने क्यूब्स की मानवीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया, जिससे घायलों के उपचार में तेजी आएगी और बहुमूल्य जीवन बचाने में मदद मिलेगी। यहां हम बता रहे हैं कि ये भीष्म क्यूब क्या हैं और कैसे ये यूक्रेन की मदद करेंगे।

यूक्रेन लंबे समय से युद्ध से जूझ रहा है। रूसी हमले के बाद से यूक्रेन ने डंटकर पुतिन की सेना का सामना किया है और अब तक घुटने नहीं टेके हैं। यूक्रेन को अमेरिका और नाटो देशों से काफी मदद मिली है। इसी वजह से अब तक युद्ध में यूक्रेन टिका हुआ है। अब भारत ने भी यूक्रेन की मदद की है।

क्या है भीष्म क्यूब? 

भीष्म क्यूब का पूरा नाम भारत स्वास्थ्य पहल सहयोग हित और मैत्री है, जो भारत की सहयोग और मित्रता की भावना का प्रतीक है। भीष्म क्यूब्स कॉम्पैक्ट, पोर्टेबल मेडिकल यूनिट हैं, जिन्हें आपातकालीन स्थितियों में प्राथमिक उपचार के लिए बनाया गया है। विदेश मंत्रालय के अनुसार हर भीष्म क्यूब में सभी प्रकार की चोटों और चिकित्सा स्थितियों के लिए प्राथमिक देखभाल से जुड़ी दवाइयां और उपकरण शामिल हैं। इसमें बुनियादी ऑपरेशन के लिए सर्जिकल उपकरण भी शामिल हैं, जो रोज 10-15 बुनियादी सर्जरी कर सकते हैं। भीष्म क्यूब में तरह-तरह की आपातकालीन चिकित्सीय स्थिति जैसे आघात लगने, रक्तस्राव होने, जल जाने, हड्डी टूटने, इत्‍यादि के लगभग 200 मरीजों का इलाज करने की क्षमता है। 

कैसे करेगा मदद?

भीष्म क्यूब्स एक साथ कई लोगों को चोट लगने पर और मेडिकल इमरजेंसी होने पर बेहद उपयोगी होते हैं। इसी वजह से युद्ध में यह बेहद उपयोगी हैं। अगर किसी मिसाइल हमले में एक साथ कई सैनिक चोटिल हो जाते हैं तो एक भीष्म क्यूब के जरिए 200 सैनिकों का प्राथमिक उपचार कर उनकी जान बचाई जा सकती है। इसके जरिए दिन में 10-15 बुनियादी सर्जरी की जा सकती हैं। युद्ध के दौरान बड़ी संख्या में सैनिक और आम नागरिक भी घायल हो जाते हैं। इनकी जान बचाने के लिए तुरंत उपचार की जरूरत होती है। भीष्म क्यूब इसी काम के लिए बनाया गया है।

भीष्म क्यूब की खासियत

भीष्म क्यूब्स को एक ऐसे ढांचे पर रखा जाता है, जो समायोज्य (अड्जस्टबल) एवं मजबूत होता है और वायु, समुद्र, भूमि तथा ड्रोन के जरिए लाया व ले जाया जा सकता है। मिनी क्यूब्स को एक व्यक्ति भी ले जा सकता है, क्योंकि उनका अधिकतम वजन 20 किलोग्राम है। इसमें सीमित मात्रा में अपनी जरूरत की बिजली और ऑक्सीजन भी उत्‍पन्‍न हो सकती है। यूक्रेन की चिकित्सा टीम को भीष्म क्यूब के संचालन का प्रारंभिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भारतीय विशेषज्ञों की एक टीम तैनात की गई है। यह टीम यूक्रेन के सैनिकों को क्यूब का उपयोग करना सिखाएगी। इससे युद्ध में होने वाली मौतों की संख्या कम हो सकती है।

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