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Explainer: दुनिया का अनोखा देश, साल में 13 महीने, सितंबर में हैप्पी न्यू ईयर, वजह जानकर चौंक जाएंगे

दुनिया में एक ऐसा अनोखा देश है, जहां एक साल 13 महीने का होता है और ये देश दुनिया के अन्य देशों से सात साल पीछे चल रहा है। यहां न्यू ईयर सितंबर में मनाया जाता है। इस देश की खासियत जानकर हैरान हो जाएंगे...

Written By: Kajal Kumari @lallkajal
Published : Oct 15, 2025 09:42 am IST, Updated : Oct 15, 2025 12:18 pm IST
दुनिया का अनोखा देश- India TV Hindi
Image Source : UNICEF दुनिया का अनोखा देश

दुनिया का अधिकांश हिस्सा साल 2025 के आखिरी मुहाने के करीब पहुंच चुका है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसा देश भी है जो अनोखा है और अब भी साल 2017 में ही जी रहा है। जानकर हो गए ना हैरान, लेकिन यह सच है और इस अनोखे देश की टाइमलाइन के पीछे है इस देश का गीज कैलेंडर, जो दुनिया के बाकी हिस्से में प्रचलित ग्रेगोरियन कैलेंडर से करीब सात से आठ साल पीछे चलता है। इसी वजह से दुनिया के अधिकांश देशों में एक साल में 12 महीने ही होते हैं, लेकिन इस देश में एक साल में 12 नहीं, बल्कि 13 महीने होते हैं। इतना ही नहीं, यहां दिन भी बाकी देश के दिनों से अलग होते हैं। दुनिया का ये अनोखा देश दक्षिण अफ्रीका में है, जिसका नाम इथियोपिया है। 

जानें हैरान करने वाली वजह

इथियोपिया आज भी अपना पारंपरिक कैलेंडर इस्तेमाल करता है, जिसे इथियोपाई या गीज कैलेंडर कहा जाता है। इस कैलेंडर में साल के 12 नहीं, 13 महीने होते हैं। इस देश में ग्रेगोरियन कैलेंडर की तरह 12 महीनों में 30 दिन ही होते हैं, लेकिन इसके 13वें महीने में सामान्य वर्ष में पांच दिन होते हैं, जबकि लीप वर्ष में छह दिन हो जाते हैं। इस महीने को 'पागूमे' कहा जाता है। अपने इस पारंपरिक कैलेंडर की वजह से ही इथियोपिया दुनिया के सभी देशों से करीब सात साल तीन महीने पीछे चल रहा है। हालांकि, वैश्विक लेन-देन और सरकारी कामकाज के लिए इथियोपिया के लोग गीज कैलेंडर और ग्रेगोरियन कैलेंडर, दोनों का इस्तेमाल करते हैं। 

सितंबर में मनाते हैं हैप्पी न्यू ईयर

इस देश के दुनिया के बाकी देशों से सात साल पीछे रहने की वजह है ईसा मसीह के जन्म की गणना में अंतर। सभी ईसाई देश ईसा मसीह के जन्म को एक ईस्वी मानते हैं, जबकि इथियोपाई ऑर्थोडॉक्स चर्च के मुताबिक, ईसा मसीह का जन्म सात ईसा पूर्व में हुआ मानते हैं। इस वजह से इथियोपाई कैलेंडर में नया साल मनाने की भी अलग तारीख है। यहां हर साल 11 सितंबर को ही नया साल मनाया जाता है। वहीं, लीप ईयर में यह तारीख बदलकर 12 सितंबर हो जाती है। आपको बता दें कि इस पर्व को यहां एनकुटाटाश कहा जाता है, जिसका अर्थ गहनों का उपहार होता है। और खास बात, यहां क्रिसमस 25 दिसंबर नहीं, सात जनवरी को मनाया जाता है।

दुनिया का अनोखा देश

Image Source : UNICEF
दुनिया का अनोखा देश

अनोखी होती है दिन की शुरुआत

बता दें कि यहां के लोग कैलेंडर की गणना भी अलग तरीके से करते हैं, जहां दुनिया के सभी देश दिन की शुरुआत ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक सुबह 6 बजे से करते हैं, तो वहीं, इथियोपिया में सुबह दिन के 12 बजे को माना जाता है। जिस समय ग्रेगोरियन कैलेंडर में दोपहर के 12 बज रहे होते हैं, इथियोपिया में शाम के छह बज जाते हैं। इथियोपिया का कैलेंडर समय गिनने का सिर्फ तरीका नहीं है, बल्कि इस देश की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का भी हिस्सा है।

क्यों खास है यह देश

इथियोपिया सिर्फ समय के मामले में ही दुनिया के अन्य देशों से अलग और खास नहीं है बल्कि अपने इतिहास और संस्कृति को लेकर भी यह देश खास है। यह अफ्रीका का एकमात्र ऐसा देश है जिसे कभी किसी यूरोपीय ताकत ने उपनिवेश नहीं बनाया। आज भी पारंपरिक उपवास, शाकाहारी व्यंजन, प्राचीन चर्च और विविधता इस देश की खास पहचान बनी हुई है और अन्य देशों से अलग है। यहां लूसी नामक कंकाल भी मिला था जिससे इसे मानवता की जन्मभूमि भी कहा जाता है। यह देश हाॅर्न आफ अफ्रीका में स्थित है और चारों तरफ से भूमि से घिरा है। इस देश के दक्षिण में केन्या, पूर्व में सोमालिया और पश्चिम से दक्षिण में सूडान जैसे देश हैं।

दुनिया का अनोखा देश

Image Source : UNICEF
दुनिया का अनोखा देश

क्या है गीज कैलेंडर


इथियोपिया का गीज (Ge’ez) कैलेंडर सिर्फ वहां के नागरिकों को समय बताने का तरीका नहीं, बल्कि देश के ऑर्थोडॉक्स चर्च, ग्रामीण जीवन, और त्योहारों का आधार है। इस देश के लोग अपने कैलेंडर और अपनी संस्कृति पर गर्व करते हैं और अपने कैलेंडर के मुताबिक ही जीवन जीते हैं। यह देश यह संदेश देता है कि कैलेंडर भी इंसानों की बनावट है, जो उनके संस्कार, परंपरा और विश्वास से जुड़ा होता है। इस देश का समय भले ही पूरी दुनिया से सात से आठ साल पीछे है लेकिन यहां की संस्कृति, यहां की परंपरा का अपना महत्व है, जो समय की रफ्तार को भी एक नया रूप देता है।
  
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