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अगर आप भी पहाड़ों के दीवाने हैं और ऊंचाइयों पर चढ़ाई करने का जुनून रखते हैं, तो माउंट एवरेस्ट से जुड़ी ये खबर आपके लिए है। आज हम आपको यहां बताएंगे कि एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए क्या प्रक्रिया है, कैसे परमिट ले सकते हैं और कितनी फीस है?
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पहले तो आपको बता दें कि माउंट एवरेस्ट की भौगोलिक स्थिति भारत की सीमा के भीतर नहीं है। एवरेस्ट की चोटी नेपाल और चीन (तिब्बत) की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित है।
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नेपाल सरकार की ओर से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए परमिट अनिवार्य है, जिसकी कीमत प्रति व्यक्ति लगभग 11,000 डॉलर यानी करीब 9 लाख रुपये है। वहीं, तिब्बत की ओर से चढ़ाई के लिए परमिट सस्ता लगभग 7,000 डॉलर है, लेकिन वहां पहुंचना और लॉजिस्टिक्स ज्यादा जटिल है।
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आपको बता दें कि परमिट की फीस कुल खर्च का केवल एक हिस्सा है। एक औसत अभियान का कुल खर्च $45,000 से $1,00,000 यानी करीब 38 लाख से 85 लाख रुपये तक जा सकता है, जिसमें शेरपा और गाइड की फीस, ऑक्सीजन सिलेंडर और गियर, भोजन, कैंपिंग और लॉजिस्टिक्स शामिल है।
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परमिट लेने के लिए आपको सीधे नेपाल के पर्यटन विभाग में आवेदन करना होता है। आपको नेपाल की एक मान्यताप्राप्त ट्रेकिंग/माउंटेनियरिंग एजेंसी के माध्यम से आवेदन करना होगा। आप अकेले परमिट के लिए आवेदन नहीं कर सकते।
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दस्तावेज के तौर पर पासपोर्ट की कॉपी, बायोडाटा, मेडिकल सर्टिफिकेट और बीमा के कागजात जमा करने होते हैं। आवेदन जमा होने के बाद विभाग की ओर से परमिट जारी किया जाता है, जिसमें लगभग 3-5 कार्य दिवस लगते हैं।
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वहीं, एवरेस्ट चढ़ने से पहले नेपाल में कम से कम 7,000 मीटर ऊंचे किसी अन्य पहाड़ पर चढ़ने का प्रमाण देना होगा। चढ़ाई से 30 दिन पहले जारी किया गया आधिकारिक फिटनेस सर्टिफिकेट जरूरी है।