
आजकल बहुत कम लोग हैं जो नौकरी में, काम में अपनी पसंद की चीज़ें कर पाते हैं। वरना तो ज़्यादातर लोग ज़िम्मेदारियों को पूरा करने की आपाधापी में अपने पसंदीदा चीजें नहीं कर पाते। लंबे वक्त तक यही हालात बने रहने से लोगों पर तनाव-चिंता हावी होने लगते हैं ऐसे लोग जितनी मर्ज़ी फिज़िकल एक्टिविटी कर ले, उसके बावजूद उन पर बीमारियों का हमला होने लगता है। क्योंकि लोग, शारीरिक सेहत पर तो ध्यान देते हैं लेकिन मन की सेहत को अनदेखा कर देते हैं। नतीजा डायबिटीज़, हाइपरटेंशन, हार्ट प्रॉब्लम, इनडायजेशन, ओबेसिटी, डिप्रेशन जैसे रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। कई बार तो सांस लेने में तकलीफ, दिल की धड़कन तेज़ होना, मांसपेशियों में अकड़न, थकान, सिरदर्द जैसे लक्षण भी स्ट्रेस-टेंशन की वजह से आते हैं।
इन परेशानियों से बचना है तो दिमाग पर से दुनियादारी का बोझ कम करें। खुद के लिए वक्त निकालें ये हैप्पीनेस का गोल्डन फॉर्मूला है। उस देश का जो पिछले 8 साल से दुनिया के खुशहाल देशों की लिस्ट में टॉप पर है यानि फिनलैंड। वहां तो लोग औसतन हफ्ते में 40 घंटे काम करते हैं जबकि हमारे देश में 48 घंटे मिनिमम एवरेज वर्क हावर्स हैं। वहां साल में करीब 30 वेकेशन हॉलीडे हैं और हॉलीडे के दौरान काम करने पर उन्हें एक्स्ट्रा पे किया जाता है। छुट्टियां तो भारत में भी मिलती हैं लेकिन छुट्टी में काम करने पर भुगतान करने वाली कंपनिया कम ही हैं। इसलिए तो मैने शुरू में कहा अगर जीवन का आनंद करने का अलग से वक्त नहीं मिल रहा है तो काम को ही एंजॉय कीजिए। योग-वर्कआउट ध्यान प्राणायाम को लाइफ का हिस्सा बनाइए ताकि तन और मन दोनों तंदुरुस्त रहें।
कैसे खुश रहें?
- दूसरों की मदद करें
- हर घंटे 10 सेकंड स्ट्रेचिंग करें
- अपनों की मुस्कुराती तस्वीरें सामने रखें
- मीठा खाने से बढ़ती है खुशी
बढ़ा एग्रेशन - करें कंट्रोल
- थोड़ी देर टहलें
- रोज योग करें
- मेडिटेशन करें
- गहरी सांस लें
- संगीत सुनें
- अच्छी नींद लें
गुस्सा खतरनाक - रहें सावधान
- गुस्से का पैटर्न समझें
- क्रोध में आपा ना खोएं
- आत्मनियंत्रण सीखें
- गुस्से के लक्षण पहचानें
एंटीबॉडीज बनती है
- हंसने के फायदे
- इम्यून सेल्स एक्टिव
- बीमारी से लड़ने में मदद
- पेट की मसल्स की एक्सरसाइज
ब्लड सर्कुलेशन बेहतर
- दिल की सेहत का X' फैक्टर है खुशी
- नसों में इंफ्लेमेशन कम होता है
- हार्ट का प्रेशर घटता है