Saturday, April 27, 2024
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मैजिक चावल का जादू जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान, ठंडे पानी में भी पकता है यह चावल

असम के माजुली द्वीप पर उगाए जाने वाले चावल ठंडे पानी में भी पक जाते हैं। इस खास किस्म के चावल को ‘कमल’ नाम से जाना जाता है। अब इसकी खेती पश्चिम बंगाल में भी की जाने लगी है। कमल चावल चमत्कारी गुण के लिए प्रसिद्ध है।

Sushma Kumari Edited By: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Updated on: October 28, 2022 19:25 IST
मैजिक चावल का जादू जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE मैजिक चावल का जादू जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान

आपकी डेली के डाइट में चावल जरूर इस्तेमाल होता होगा। चावल हमारे शरीर की एनर्जी को बूस्ट करता है क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को मजबूत करता है। डाइट में चावल का इस्तेमाल करने से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा भी कम होती है। चावल स्किन संबंधी समस्याओं को भी दूर करता है। चावल खाने से स्किन पर निखार आता है। चावल के ऐसे अनेकों फायदे गिनाए जा सकते हैं लेकिन एक ऐसा भी चावल है जो दुनिया के लिए अजूबा बना हुआ है, जिसको पकाने के लिए आपको किसी चूल्हे की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। जी हां, ‘कमल’ नाम का चावल ठंडे पानी में भी पक जाता है। इसी खासियत के कारण इसे ‘मैजिक चावल’ की संज्ञा दी गई है।

माजुली द्वीप से है मैजिक चावल का रिश्ता  

मैजिक चावल यानी कमल चावल को सबसे पहले असम की ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे माजुली द्वीप पर उगाया गया था। यहां से पश्चिम बंगाल के कुछ किसान कमल धान का बीज अपने राज्य लेकर गए थे। उसके बाद इस चावल की खेती पश्चिम बंगाल में भी की जाने लगी।

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खेती के लिए जैविक खाद का होता है उपयोग 

कमल चावल की खेती की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके उत्पादन में केवल जैविक खाद का इस्तेमाल किया जाता है। यही कारण है कि मार्केट में इसकी डिमांड खूब बढ़ रही है। पोषक तत्वों से भरपूर कमल चावल रोगियों के लिए अत्यधिक लाभदायक है।

ठंडे पानी में आधा घंटे में पक जाता है

कमल चावल की सबसे खास बात यह है कि इन्हें ठंडे पानी में पकाया जाता है। इसके लिए न किसी चूल्हे की जरूरत पड़ती है और न ही कोई रसोईया चाहिए। यदि इस चावल को आधे घंटे के लिए ठंडे पानी में छोड़ दिया जाए तो यह खुद ही पक कर तैयार हो जाता है। इसके बाद आप इसे मजे से खा सकते हैं।

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सैनिक करते थे इसका इस्तेमाल 

ब्रिटिश काल में युद्ध के दौरान सैनिकों को भोजन बनाने में काफी कठिनाई होती थी। सैनिक भोजन बनाने और खाने के शॉर्टकट तरीके खोजा करते थे। कमल चावल की विशेषता से सैनिक आकर्षित हुए। इसके बाद उन्होंने  प्याज, मिर्च और नमक के साथ कमल चावल को खाना शुरू किया। इसमें कम मेहनत लगती थी और समय की बचत भी होती थी। 

सामान्य चावल से ज्यादा पोषक

कमल चावल सच में ‘मैजिक चावल’ साबित हो रहा है। इसमें सामान्य चावल से ज्यादा पोषक तत्व होते हैं। सामान्य चावल से इसका पौधा भी बड़ा होता है। यह चावल थोड़ा ज्यादा मोटा और बहुत ज्यादा स्वादिष्ट होता है। सब्जी और गुड़ के साथ खाने पर इसका स्वाद बढ़ जाता है। 60 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम में मिलने वाला यह चावल हेल्थ के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है।

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