Wednesday, April 24, 2024
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बदलते मौसम में इन उपायों से इम्युनिटी होगी दोगुनी, स्वामी रामदेव से जानिए अस्थमा-माइग्रेन का समाधान

बदलता हुआ मौसम एलर्जी की कई बीमारियों को न्योता देता है। इनमें आंख, नाक, गले, लंग्स और पेट का इंफेक्शन सबसे ज्यादा कॉमन है।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: February 06, 2021 10:27 IST

सर्दियां कम हो गई हैं। मौसम काफी खुशगवार है। कुदरत भी फूलों से गुलजार हो उठी है, लेकिन ये खुशनुमा मौसम कुछ लोगों के लिए मुश्किलें और मुसीबत भी लेकर आता है। वो इस मौसम में घरों के अंदर कैद हो जाते हैं। पूरी दुनिया जहां इस सीजन का लुत्फ ले रही होती है, दूसरी तरफ कुछ लोग दवाओं के भरोसे अपनी जिंदगी जीने को मजबूर हो जाते हैं। 

दरअसल, इन लोगों को फूलों के पराग से एलर्जी होती है और बदलता हुआ मौसम एलर्जी की कई बीमारियों को न्योता देता है। मौसम बदलते ही ये लोग इंफेक्शन की चपेट में आ जाते हैं। इनमें आंख, नाक, गले, लंग्स और पेट का इंफेक्शन सबसे ज्यादा कॉमन है। 

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आंखों में जलन और पानी आना, सर्दी, जुकाम, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, गले में दर्द, माइग्रेन और डायजेशन में परेशानी जैसी समस्याएं सामने आती हैं। इस पर अगर आपका वजन ज्यादा है तो मौसमी बीमारियों से अस्थमा होने तक का भी खतरा काफी बढ़ जाता है। आंकड़ों की मानें तो बदलते मौसम में होने वाले 60 फीसदी अस्थमा अटैक, हवा में मौजूद धूल और फूलों के पराग यानि पोलन की वजह से ही होते हैं। 

बदलते मौसम से होने वाली एलर्जी से जूझ रहे माता-पिता को भी सावधान होने की जरूरत है, क्योंकि रिसर्च के मुताबिक माता-पिता में से किसी एक को भी एलर्जी है तो 50 फीसदी चांसेस हैं कि उनके बच्चों में ये एलर्जी ट्रांसफर हो जाएगी। लेकिन अगर दोनों को एलर्जी है तो बच्चे को एलर्जी होने के चांसेस और भी ज्यादा बढ़ जाएंगे। ऐसे में सवाल ये है कि क्या किया जाए? फरवरी के महीने में ना बुखार हो और ना ही कोई और बीमारी हो तो इसके लिए योग अपनाएं। योग के जरिए आप खुद को कैसे स्वस्थ रख सकते हैं ये स्वामी रामदेव ने बताया है।   

बदलते मौसम में बीमारियां: 

  1. आंखों से पानी आना
  2. गले में दर्द 
  3. सांस लेने में दिक्कत
  4. माइग्रेन
  5. बुखार
  6. छींके आना
  7. खांसी-जुकाम
  8. इनडायजेशन 

योग से बीमारियों को करें दूर:

  1. ताड़ासन
  2. वृक्षासन
  3. सूर्य नमस्कार
  4. उष्ट्रासन
  5. भुजंगासन
  6. मर्कटासन
  7. पवन मुक्तासन
  8. मंडूकासन
  9. सूक्ष्म व्यायाम
  10. यौगिक जॉगिंग 

सूर्य नमस्कार के फायदे:

  • पाचन तंत्र बेहतर होता है। 
  • एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक है। 
  • लिवर को स्ट्रॉन्ग बनाता है। 
  • शरीर को ऊर्जा मिलती है। 
  • ब्लड शुगर को कम करने में कारगर है। 
  • हार्ट मजबूत होता है।
  • फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है। 

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प्रस्थित हस्तासन:

  • लंग्स को मजबूत करता है।  
  • मोटापा कम करता है।
  • इम्युनिटी बढ़ाता है। 
  • छाती चौड़ी होती है।
  • एलर्जी कंट्रोल करता है। 

शीर्षासन के फायदे:

  • ब्रेन से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं।
  • बच्चों का दिमाग तेज होता है। 
  • शीर्षासन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। 

सर्वांगासन के फायदे:

  • हाथ-कंधों की मसल्स मजबूत बनती हैं। 
  • बच्चों का कंसंट्रेशन बढ़ता है।
  • मेमोरी तेज होती है।
  • ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बेहतर होता है। 

उष्ट्रासन के फायदे:

  • ब्लड शुगर को कम करने में कारगर है। 
  • किडनी को स्वस्थ बनाता है। 
  • शरीर का पॉश्चर सुधरता है। 
  • पाचन प्रणाली ठीक होती है। 
  • टखने के दर्द को दूर भगाता है। 
  • हार्ट से जुड़ी बीमारियों में फायदेमंद है। 

भुजंगासन के फायदे:

  • फेफड़े, कंधे और सीने को स्ट्रेच करता है। 
  • रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
  • पेट से जुड़े रोगों में कारगर है। 
  • मोटापा कम करने में मदद करता है। 

मर्कटासन के फायदे:

  • फेफड़ों के लिए अच्छा योगासन है। 
  • पीठ का दर्द दूर हो जाता है। 
  • लिवर को मजबूत बनाता है। 

प्राणायाम से इंफेक्शन करें दूर:

  1. अनुलोम विलोम
  2. कपालभाति 
  3. भस्त्रिका
  4. भ्रामरी
  5. उज्जायी
  6. उद्गीथ

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भस्त्रिका के फायदे: सांस की समस्या से मुक्ति मिलती है। शुगर को कंट्रोल करने में मददगार है। अस्थमा के रोग को दूर करता है। दिल को स्वस्थ रखने में सहायक है। नाक और सीने की समस्या दूर होती है। वजन घटाने के लिए बहुत कारगर है। 

अनुलोम विलोम के फायदे: शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। नर्व मजबूत, शरीर के ब्लड फ्लो में सुधार। ब्रेन को हेल्दी रखने में मददगार है। 

कपालभाति के फायदे: बॉडी में इंस्टेंट गर्मी लाता है। बंद सांस नली खुल जाती है। 

उज्जायी के फायदे: दिमाग को शांत करता है। शरीर में गर्माहट लाता है। ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ती है। दिल के रोगों में फायदेमंद है। 

उद्गीथ के फायदे: नींद ना आने की समस्या दूर होगी। पाचन से जुड़ी दिक्कत दूर होती है। मन और दिमाग को शांत रखता है। नर्वस सिस्टम को ठीक रखता है। 

हल्दी के फायदे: इसमें कर-क्यूमिन होता है। कैंसर सेल को भी बढ़ने से रोकती है। एंटिसेप्टिक गुणों से भरपूर होती है। घाव को जल्दी भरने में मदद करती है। हड्डियों के लिए फायदेमंद है। एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं। दर्द को कम करने में मददगार है। शरीर को कैंसर से लड़ने की क्षमता देती है। 

तुलसी के फायदे: पेट के इंफेक्शन को ठीक करती है। कैंसर से लड़ने में मदद करती है। यूट्रेस से जुड़ी परेशानी में फायदेमंद है। कफ रोगों में फायदेमंद है। पेट के इंफेक्शन को ठीक करती है।

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