Friday, May 17, 2024
Advertisement

बस्तर की बांसुरी से ब्रिटिशकालीन सिक्के

रायपुर हवा में लहराकर बांसुरी की मीठी धुन सुनने वाले बस्तर के आदिवासी अपनी परंपरागत बांसुरी में आज भी वाशर की शक्ल वाला 72 साल पुराने सिक्कों का उपयोग करते हैं। अगर वर्ष 1943 में

IANS IANS
Updated on: April 14, 2015 10:06 IST
- India TV Hindi

रायपुर हवा में लहराकर बांसुरी की मीठी धुन सुनने वाले बस्तर के आदिवासी अपनी परंपरागत बांसुरी में आज भी वाशर की शक्ल वाला 72 साल पुराने सिक्कों का उपयोग करते हैं। अगर वर्ष 1943 में निर्मित तांबे का सिक्का नहीं मिलता तो नट-बोल्ट के साथ उपयोग किए जाने वाले वाशर से काम चला लेते है

बस्तर में बनी बांसुरियों का उपयोग वनांचल में लंबे समय से होता आ रहा है। राह चलते या नृत्य करते हुए इसे हवा में लहराकर ग्रामीण इसकी मीठी धुन का आनंद लेते हैं। इसे बनाने के लिए सबसे जरूरी होता है धातु का एक छल्ला। बस्तर के आदिवासी छल्ले के रूप में करीब 72 साल पुराने एक पैसे का उपयोग करते आ रहे हैं। ब्रिटिश सरकार द्वारा जारी इस सिक्के के बीच में एक बड़ा छेद होता है। तांबे के इस सिक्के को बस्तर में 'काना पैसा' तो राज्य के मैदानी इलाकों में 'भोंगरी' कहा जाता है।


बड़ा छेद वाले तांबे के पैसे को वर्षो से ग्रामीण सहेज कर रखते रहे हैं, लेकिन 72 साल पुराना यह सिक्का अब मिलना दुर्लभ हो गया है। 

मोहलई करणपुर के समरत नाग ने बताया कि उनके गांव में करीब 10 परिवार बांसुरी बनाने का काम करते हैं। बस्तर के हाट-बाजारों में इस बांसुरी की काफी मांग है। वहीं जगदलपुर स्थित शिल्पी संस्था से भी पर्यटक खरीदकर ले जाते हैं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 1943 का यह तांबे का सिक्का बड़ी मुश्किल से मिलता है। मगर कारीगरों ने विकल्प ढूंढ़ लिया है। पहले वे एल्युमिनियम के पुराने बर्तनों को काटकर सिक्के की जगह लगाते रहे, लेकिन अब बाजार में उपलब्ध नट-बोल्ट के साथ उपयोग किए जाने वाले वाशर से काम चला रहे हैं। 

इसी गांव के भागवत बघेल ने बताया कि बांसुरी के पुराने शौकीन अभी भी बस्तर आते हैं और सौ रुपये की बांसुरी में पुराना सिक्का लगा होने पर मुंहमांगी कीमत देने को तैयार रहते है

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement