Friday, April 26, 2024
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झारखंड: नवजात शिशुओं को बेचने के मामले में चर्च ने सिस्टर को दी क्लीन चिट, भाजपा ने बोला हमला

पुलिस के बिशप थियोडोर के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि सिस्टर कंसीलिया के बयानों के आधार पर ही चार बच्चों में से तीन को बरामद किया जा चुका है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 13, 2018 20:10 IST
चित्र का इस्तेमाल...- India TV Hindi
Image Source : PTI चित्र का इस्तेमाल प्रतीक के तौर पर किया गया है।

रांची: झारखंड भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि नवजात शिशुओं को अवैध तरीके से बेचने के मामले में कैथोलिक बिशप कांफ्रेंस ऑफ इंडिया के महासचिव बिशप थियोडोर मैस्करेनहास द्वारा मिशनरी ऑफ चैरिटीज के सिस्टर को क्लीन चिट देना निंदनीय है। प्रदेश पार्टी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि पूरे मामले की पुलिस जांच जारी है। ऐसे में बिशप थियोडोर का यह बयान जांच को प्रभावित करने के उद्देश्य से दिया गया प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रथम दृष्ट्या सैकड़ों नवजात शिशुओं को गैर कानूनी रूप से बेचने का तथ्य सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज हो चुकी है। ऐसे में जांच पूरी होने के पहले ही कंगारू कोर्ट की तर्ज पर आरोपियों को निर्दोष करार देना उचित नहीं है।

 उन्होंने कहा कि बिशप थियोडोर एक धर्मगुरु हैं। उनका काम संविधान के दायरे में धर्म का प्रचार करने का है। लेकिन उन्होंने रांची आकर राजनीतिक बयानबाजी की और कहा कि सरकार सरना और ईसाई मिशनरियों को आपस में लड़ाना चाहती है। ऐसे बयान देना एक धर्म गुरु के लिए शोभनीय नहीं है और भाजपा इसकी कड़ी निंदा करती है। भाजपा राज्य सरकार से मांग करती है कि दशकों से चले आ रहे इस रैकेट की जांच किसी सक्षम एजेंसी से करायी जाए ताकि उसके असली षड्यंत्रकारियों की भी पहचान हो सके। कल थियोडोर मैस्करेनहास ने यहां दावा किया था कि मदर टेरेसा की ‘मिशनरीज आफ चैरिटी’ बच्चों की खरीद-फरोख्त से जुड़े हाल में उजागर हुए रैकेट में बिलकुल शामिल नहीं है और यदि कोई एक सिस्टर इस मामले में दोषी भी है तो उसकी गलती के लिए पूरी मिशनरी को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए। 

उन्होंने यहां आनन फानन में बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘‘.......वैसे तो इस मामले में गिरफ्तार सिस्टर कंसीलिया ने भी अपने वकील को कल बताया कि वह बच्चों को बेचने में कहीं से भी शामिल नहीं है। उससे पुलिस ने दबाव में यह बयान लिया है कि उसने बच्चों को बेचा था।’’ बिशप ने इस मामले में मिशनरीजकी भूमिका नहीं होने का दावा करते हुए कहा कि पूरे मामले को इस तरह पेश किया जा रहा है जिससे ऐसा लगता है कि पूरी मिशनरी आफ चैरिटीज ही बच्चों को बेचे जाने के लिए दोषी है। बिशप ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई एकतरफा है। मिशनरी आफ चैरिटीज ने देश में बहुत सारे अच्छे काम किये हैं और सामाजिक कल्याण के अनेक काम कर रही है। लिहाजा सरकार को यह देखना चाहिए कि उसे इस तरह बदनाम न किया जाये।

बिशप के दावों का खंडन करते हुए रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनीश गुप्ता ने कहा, ‘‘ इंडियन बिशप्स कांफ्रेंस के महासचिव बिशप थियोडोर मैस्करेनहास द्वारा दिया गया बयान पूरी तरह गलत और बेबुनियाद है। पुलिस ने बच्चों को बेचे जाने के मामले में मिशनरी आफ चैरिटीज की सिस्टर कंसीलिया को गिरफ्तार करने के बाद उसके बयान और उससे मिली सूचनाओं के आधार पर ही चार बच्चों में से तीन को विभिन्न स्थानों से छापे मार कर हासिल किया है और बचाया है। ऐसे में यह बात कैसे सही हो सकती है कि सिस्टर से पुलिस ने दबाव में बयान लिया है?’’ गुप्ता ने कहा कि जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। 

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