Tuesday, April 30, 2024
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दिल्ली: उन्नाव और कठुआ गैंगरेप को लेकर निकाला गया कैंडिल मार्च, ट्विटर पर छाया #notinmyname

जम्मू कश्मीर के कठुआ और उत्तर प्रदेश के उन्नाव से आये दुष्कर्म के दो मामलों को लेकर बड़ी संख्या में लोग दिल्ली और देश के अन्य भागों में सड़कों पर उतरे हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: April 15, 2018 21:05 IST
प्रदर्शन के दौरान...- India TV Hindi
प्रदर्शन के दौरान शामिल बच्चे।

नई दिल्ली:  कठुआ और उन्नाव के रेप केस को लेकर पूरे देश में गुस्सा नजर आ रहा है। दिल्ली में भी कई दर्जन लोगों ने कैंडललाइट मार्च लोगों को बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से अपना गुस्सा निकालने का मौका देते हैं लेकिन सतत बदलाव के लिए समाज को इन प्रतीकात्मक प्रदर्शनों से आगे बढ़ना होगा।  जम्मू कश्मीर के कठुआ और उत्तर प्रदेश के उन्नाव से आये दुष्कर्म के दो मामलों को लेकर बड़ी संख्या में लोग दिल्ली और देश के अन्य भागों में सड़कों पर उतरे हैं।

इन्हीं घटनाओं की पृष्ठभूमि में विशेषज्ञों ने बदलाव की जरूरत बताई।  एक प्रमुख ब्रांडिंग एजेंसी से जुड़े राजकुमार झा ने कहा , ‘‘ इस तरह के अपराध से लोग असहाय महसूस करते हैं। कैंडललाइट मार्च से लंबे समय तक असर नहीं रह सकता , लेकिन लोग करें भी तो क्या। इस तरह के प्रदर्शन लोगों को कम से कम अपनी नाराजगी जाहिर करने और बदलाव की मांग करने का मौका तो देते हैं। ’’ 

दिल्ली में श्री अरबिंदो सेंटर फॉर आर्ट एंड कम्युनिकेशन द्वारा कल आयोजित एक संगोष्ठी में झा ने कहा , ‘‘ समाज में बदलाव करने और उसे बनाये रखने के लिए हमें कैंडललाइट मार्च से आगे निकलना होगा और इन बदलावों के लिए गंभीरता से काम करना होगा। ’’ एक अन्य विशेषज्ञ ने इस मौके पर कहा , ‘‘ निर्भया मामले के बाद भी कैंडललाइट मार्च निकाले गये थे। लेकिन अब भी इस तरह के डरावने मामले सामने आ रहे हैं। ’’ 

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