Thursday, April 25, 2024
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असम में असहज शांति, बंगाल में उबाल, पीएम मोदी बोले-हिंसा के लिए ‘कांग्रेस और उनके मित्र’ जिम्मेदार

पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की शांति की अपील के बावजूद हिंसा जारी रही और छह जिले- मालदा, उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना के कुछ हिस्से में इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं। 

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: December 15, 2019 23:05 IST
Citizenship West Bengal Assam- India TV Hindi
Image Source : PTI Vehicles torched by protestors agitating against the passing of Citizenship Amendment Bill (CAB)at Sanmtragachi in Howrah district of West Bengal, Saturday.

गुवाहाटी/दुमका/कोलकाता। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर असम में असहज शांति बनी हुई है जबकि पश्चिम बंगाल में रविवार को अराजकता का माहौल रहा। वहीं देश के अलग-अलग हिस्सों से आगजनी और लूट की खबरें भी सामने आई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन सबके लिए ‘‘कांग्रेस और उनके मित्रों’’ को जिम्मेदार ठहराया है। स्थिति में सुधार के कारण गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू में कई घंटे की ढील दी गई लेकिन शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रहे।

AGP ने अपने मंत्रियों से इस्तीफा देने की अपील की

इस बीच, असम गण परिषद् (अगप) ने अपने मंत्रियों से इस्तीफा देने की अपील की है। गुवाहाटी में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार को देखते हुए सोमवार को सुबह छह बजे से रात नौ बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है। असम पुलिस के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजीव सैकिया ने पीटीआई को बताया कि रात के समय कर्फ्यू जारी रहेगा।

सोमवार को गुवाहाटी से दिन का कर्फ्यू हटाया जाएगा

वित्त और स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी ट्वीट किया, ‘‘गुवाहाटी में सोमवार से दिन का कर्फ्यू पूरी तरह हटा लिया जाएगा क्योंकि शहर में स्थिति सामान्य हो रही है। बहरहाल रात में नौ बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू जारी रहेगा।’’ अगप असम में भाजपा नीत सरकार का हिस्सा है। दबाव में अगप ने यू-टर्न लेते हुए विवादास्पद कानून के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्णय किया।

कांग्रेस और उसके सहयोगी आग लगा रहे हैं- पीएम मोदी

बहरहाल, पीएम मोदी ने झारखंड के दुमका में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘नागरिकता कानून को लेकर कांग्रेस और इसके सहयोगी आग लगा रहे हैं लेकिन पूर्वोत्तर के लोगों ने हिंसा को नकार दिया है। कांग्रेस के कृत्य साबित करते हैं कि संसद में लिए गए सभी निर्णय सही हैं।’’

किसी समुदाय का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि ‘‘जो लोग आग भड़का रहे हैं’’ उनकी पहचान उनके कपड़ों से की जा सकती है। मोदी ने कहा, ‘‘जो लोग आग लगा रहे हैं उन्हें टीवी पर देखा जा सकता है। उनकी पहचान उनके कपड़ों से की जा सकती है।’’

बंगाल के 6 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं

पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की शांति की अपील के बावजूद हिंसा जारी रही और छह जिले- मालदा, उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना के कुछ हिस्से में इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं। एनआरसी और नागरिकता कानून के खिलाफ विज्ञापन देने पर टीएमसी सरकार पर प्रहार करते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह असंवैधानिक है और इस तरह के प्रचार के लिए सरकार की मुखिया सार्वजनिक धन का इस्तेमाल नहीं कर सकतीं।

तीन रेलवे स्टेशनों को आग लगाई

प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को तीन रेलवे स्टेशनों, कई रेलगाड़ियों और कम से कम 25 बसों में आग लगा दी थी। पुलिस ने बताया कि नदिया, बीरभूम, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और हावड़ा जिलों से हिंसा, लूट और आगजनी की खबरें हैं। उत्तर 24 परगना के अमडांगा इलाके और नदिया के कल्याणी में आंदोलनकारियों ने लकड़ी के लट्ठों में आग लगाकर रास्ते बंद कर दिए। उत्तर 24 परगना के डेगांगा में दुकानों में तोड़फोड़ की गई और लोगों ने टायर जलाए।

दक्षिण 24 परगना में ट्रेन सेवाएं प्रभावित रहीं

दक्षिण 24 परगना में ट्रेन सेवाएं प्रभावित रहीं क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने नुंगी और अकरा स्टेशनों पर पटरियों को जाम कर दिया। भीड़ ने टिकट काउंटर से पैसे भी लूट लिए। मालदा जिले में प्रदर्शनकारियों ने भालुका रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ की और सागरदिघी में सड़क और रेल मार्ग बाधित किया। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान खड़गपुर डिवीजन में रेलवे को 15.77 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।

असम में दो और लोगों की गोली लगने से मौत

असम के गुवाहाटी में दो और लोग गोली लगने से मारे गए जिससे पुलिस गोलीबारी में मरने वालों की संख्या चार हो गई है। बहरहाल प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि पांच लोग मारे गए हैं। अगप नेता दीपक दास ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने के लिए पार्टी उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करेगी जबकि पार्टी के नेताओं ने अपने शीर्ष नेतृत्व से कहा कि वे मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करें।

असम साहित्य सभा ने किया शीर्ष अदालत का रुख

उधर, असम साहित्य सभा ने भी इस कानून के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख करने का फैसला किया है। इस बीच, अगप की गुवाहाटी इकाई ने अंबारी इलाके में पार्टी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और पार्टी प्रमुख अतुल बोरा सहित तीन मंत्रियों के इस्तीफे की मांग की।

असम में 175 लोगों को गिरफ्तार किया गया

बंगाली बहुल इलाके बराक घाटी में कोई बड़ा प्रदर्शन नहीं हुआ। अगप नेता और असम के मंत्री केशव महंत ने कहा कि पार्टी ने अपने ‘‘पुराने रुख’’ को नहीं छोड़ा है और वह कानून का विरोध कर रही है। छात्र संगठन आसू और एजेवाईसीपी ने भी कानून वापस लेने की मांग करते हुए राज्य भर में रैलियां निकालीं। पुलिस ने बताया कि राज्य भर में 175 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 1406 लोगों को एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया है।

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