Thursday, April 25, 2024
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Defence Expo 2020: राजनाथ सिंह ने कहा, अब परिणाम देने लगी हैं रक्षा क्षेत्र में सरकार की नीतियां

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में सरकार की नीतियां अब परिणाम देने लगी हैं और उन्हें पूरा भरोसा है कि भारत वर्ष 2024 तक रक्षा निर्यात को पांच अरब डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल कर लेगा।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: February 07, 2020 15:08 IST
Defence Expo 2020: राजनाथ सिंह ने कहा, अब परिणाम देने लगी हैं रक्षा क्षेत्र में सरकार की नीतियां- India TV Hindi
Defence Expo 2020: राजनाथ सिंह ने कहा, अब परिणाम देने लगी हैं रक्षा क्षेत्र में सरकार की नीतियां

लखनऊ: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में सरकार की नीतियां अब परिणाम देने लगी हैं और उन्हें पूरा भरोसा है कि भारत वर्ष 2024 तक रक्षा निर्यात को पांच अरब डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल कर लेगा। सिंह ने ‘डिफेंस एक्सपो’ के तीसरे दिन विभिन्न निजी तथा सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा रक्षा क्षेत्र से सम्बन्धित सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर के लिये आयोजित ‘बंधन’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘आज हमारे द्वारा किये जा रहे एमओयू हमारे रक्षा औद्योगिक आधार को और मजबूत करने में उपयोगी सिद्ध होंगे। आज हुई घोषणाओं और उत्पाद लॉन्चिग को देखकर आप सब आश्वस्त हो गये होंगे कि रक्षा क्षेत्र में हमारी नीतियां अब परिणाम देने लगी हैं।’’ 

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राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘पहले लोग कहते थे कि भारत की रक्षा नीतियां ऐसी हैं कि उनके परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं लेकिन अब आपने महसूस किया होगा कि अब हमारे रक्षा क्षेत्र की नीतियों ने परिणाम देना शुरू कर दिया है। हमारी सरकार ने इस दिशा में कई बार नीतियों में सुधार किये हैं। हमने इंडस्ट्री लाइसेंसिंग प्रक्रिया को काफी हद तक सरल किया है और एफडीआई कैप को भी बढ़ाया है। साथ ही रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिये कदम भी उठाये हैं। हमने डिफेंस ऑफसेट नीति को भी व्यवस्थित किया है। भविष्य में इसे यथासम्भव और भी बेहतर बनाया जाएगा।’’ 

सिंह ने कहा कि 2018-19 में रक्षा क्षेत्र की कम्पनियों का उत्पादन 80 हजार करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसमें निजी क्षेत्र का योगदान 60 हजार करोड़ रुपये का है। रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र और आयुध फैक्ट्री बोर्ड की उत्पादन गतिविधियों का लगभग 40 प्रतिशत आउटसोर्स हो रहा है। यह रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र की अहमियत को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह बात साझा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत का रक्षा निर्यात वर्ष 2018-19 में 10,745 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो 2016-17 में हुए निर्यात के सात गुने से भी ज्यादा है। 

उन्होंने कहा, ‘‘इस डिफेंस एक्सपो की अप्रत्याशित कामयाबी को देखकर मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि वर्ष 2024 तक पांच अरब डॉलर के रक्षा निर्यात के लक्ष्य को हम जरूर हासिल कर लेंगे।’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि आज इस समारोह में 71 एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये, 13 उत्पाद लॉन्च हुए, छह प्रमुख घोषणाएं हुईं और 18 नये तकनीक अंतरण समझौतों पर दस्तखत हुए हैं, यानी 100 से ज्यादा करार हुए हैं। 

उन्होंने कहा कि ये परस्पर विश्वास के बंधन हैं और जो भी पक्ष एमओयू में शामिल हैं, वे बंधन के विश्वास को किसी भी सूरत में टूटने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि इस एक्सपो के दौरान अभी तक 200 से ज्यादा समझौते हुए हैं और यह ऐतिहासिक उपलब्धि है। 

उन्होंने कहा कि यहां तकनीक हस्तांतरण के जो 18 समझौते हुए हैं वे निजी क्षेत्र को उत्पादन के लिये स्वदेशीकरण के साथ-साथ वै‍श्विक रूप से प्रतिस्पर्द्धा में बने रहने में भी निश्चित रूप से मदद करेंगे। इन समझौतों के मूर्त रूप लेने से आयात पर निर्भरता कम होगी और इनसे नेट डिफेंस एक्सपोर्टर बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर कहा कि रक्षा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों के तहत यह एक्सपो आयोजित हो रहा है। आज यहां विभिन्न प्रकार के एमओयू हुए हैं। मुझे खुशी है कि रक्षा मंत्रालय ने एमओयू को ‘बंधन’ के रूप में एक नया नाम देकर इसके साथ एक भावनात्मक सम्बन्ध जोड़ा है। उन्होंने कहा कि डिफेंस एक्सपो-2020 का आयोजन करके उत्तर प्रदेश ने साझीदार के तौर पर सहभा‍गी बनकर अपने यहां व्या‍प्त सम्भावनाओं को भी दुनिया के सामने रखने का प्रयास किया है। 

उन्होंने बताया कि आज यूपीडा के माध्यम से यहां 23 एमओयू हुए हैं। इनके तहत 50 हजार करोड़ रुपए के निवेश के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर हुए हैं और इससे ढाई से तीन लाख नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में निवेश के लिये बहुत अच्छा गंतव्य बन गया है और सूबे में मौजूद सम्भावनाओं को अगर हम प्रदेश और देश के हित में आगे बढ़ाने का काम करते हैं तो यह बड़ी सेवा होगी। 

रक्षा सचिव अजय कुमार ने इस मौके पर कहा कि इस ‘डिफेंस एक्सपो’ में 100 एमओयू और व्याापारिक समझौते करने का लक्ष्य तय किया गया था मगर अब कुल मिलाकर 200 एमओयू किये जा चुके हैं। यह एक नया अध्यााय शुरू हुआ है। डीआरडीओ अध्यक्ष जे सतीश रेड्डी ने इस मौके पर कहा, ‘‘ आज हम तकनीक अंतरण के 17 करार कर रहे हैं। हम नॉलेज पार्टनर के तौर पर रक्षा गलियारे के लिये एमओयू कर रहे हैं। एक बार गलियारा बनने के बाद हम एक अनुसंधान एवं विकास केन्द्र बनाएंगे ताकि इससे जुड़े उद्योगों की मदद हो सके।

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