Tuesday, May 07, 2024
Advertisement

खुद भूखे, लेकिन दूसरों की मदद के लिए आगे आया गढ़िया लोहार समाज

संकट के समय पूरा देश एक है और एक-दूसरे की मदद की करने की इसकी तासीर है, आज इसका एक उदाहरण देखने को मिला। सदियों से आभावग्रस्त खानाबदोश (घुमंतू) जिंदगी जीने वाले गढ़िया लोहार समाज ने पूरी दुनिया के सामने बेहतरीन उदाहरण पेश किया है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 09, 2020 22:47 IST
खुद भूखे, लेकिन दूसरों की मदद के लिए आगे आया गढ़िया लोहार समाज- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV खुद भूखे, लेकिन दूसरों की मदद के लिए आगे आया गढ़िया लोहार समाज

नई दिल्ली: संकट के समय पूरा देश एक है और एक-दूसरे की मदद की करने की इसकी तासीर है, आज इसका एक उदाहरण देखने को मिला। सदियों से आभावग्रस्त खानाबदोश (घुमंतू) जिंदगी जीने वाले गढ़िया लोहार समाज ने पूरी दुनिया के सामने बेहतरीन उदाहरण पेश किया है।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों का संगठन महामना मालवीय मिशन, इंद्रप्रस्थ लंबे समय से इस समाज के बीच सेवा कार्य कर रहा है। महामारी के इस दौर में मालवीय मिशन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन सेवा भारती के साथ मिलकर दिल्ली की घुमंतू जातियों के बीच राहत सामाग्री वितरण का कार्य कर रहा है। मिशन ने लॉकडाउन के बीच अन्य घुमंतू जातियों के साथ-साथ गढ़िया लोहार परिवारों के बीच भी अब तक दो बार राशन वितरित कर चुका है।  

यह सब देख इस स्वाभिमानी समाज ने अपनी क्षमता से बढ़कर अपनी तरफ से समाज की मदद करने का संकल्प लिया। उन्होंने दिल्ली की 185 बस्तियों के लोगों से संपर्क किया और 51,000 रुपये इकट्ठा किया। यह रकम उन्होंने अपना पेट काटकर इकट्ठा किया। आज महाराणा प्रताप की जयंती पर उन्होंने बेसहारा और जरूरतमंदों की सेवा में अहर्निंश लगे सेवा भारती को दान करने का संकल्प लिया। जिस वक्त गढ़िया लोहार समाज ने यह रकम दान की वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। 

दिल्ली के पालम में गढ़िया लोहार झुग्गी में सेवा भारती और मालवीय मिशन के पदाधिकारियों ने पहुंचकर उनके इस दान को स्वीकर किया। इस मौके सेवा भारती के दिल्ली प्रांत के संगठन मंत्री सुखदेव जी ने कहा कि इस देश की असली ताकत सरकारें नहीं उसका समाज है। उन्होंने कहा कि जब-जब राष्ट्र पर संकट आता है पूरा देश एक हो जाता है। हर कोई एक-दूसरे की मदद के लिए हाथ बढ़ाता है। गढ़िया लोहार समाज का यह दान आने वाली कई पीढ़ियां याद रखेंगी। अभावग्रस्त जिंदगी जीने वाले इस समाज का यह दान पूरी मानवता के लिए मिसाल साबित होगा। इस मौके पर मालवीय मिशन, इंद्रप्रस्थ के अध्यक्ष ओंकार राय जी ने कहा कि हमें खुशी है कि हम एक ऐसे समाज की सेवा कर रहे हैं जो आज पूरे देश के लिए आदर्श बन गया है। उन्होंने कहा कि हम आगे भी गढ़िया लोहार समाज की हर संभव मदद करने के लिये तैयार रहेंगे। 

दान की राशि देते वक्त गढ़िया लोहार समाज के दीपक कुमार ने कहा कि हमारे पुरखों ने देश के लिए कई बलिदान दिए हैं। आज फिर देश-समाज संकट में है, इसलिए हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि हम समाज के लिए कुछ करें। वहां मौजूद मालवीय मिशन के महामंत्री शिवेंद्र कुमार सुमन ने कहा कि आने वाले समय में हम गढ़िया लोहार समाज के सर्वांगिण विकास के लिए काम करेंगे। शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ-साथ हम उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने का भी काम करेंगे।

इस मौके पर सेवा भारती दिल्ली के उपाध्यक्ष हेमंत कुमार भी मौजूद थे। मालवीय मिशन की तरफ से महामंत्री शिवेंद्र कुमार सुमन, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शक्तिधर सुमन, राष्ट्रीय मंत्री डॉक्टर वेद प्रकाश सिंह, रविकांत सिन्हा मौजूद थे। गढ़िया लोहार समाज की तरफ से सुनील, दीपक, किरण, रीना, संजय, महेंद्र, सतपाल, पवन, अजीत, आशुतोष, रोहित, सनी जी भी मौजूद थे। इस मौके पर सभी ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया।

कौन है गढ़िया लोहार?

गढ़िया लोहार मूलरूप से राजस्थान के मेवाड़ इलाके से हैं। 16वीं शताब्दी में ये महाराणा प्रताप की सेना में थे। युद्ध के साथ-साथ ये हथियार बनाने का काम करते थे।  जब मेवाड़ पराजित हो मुगलों के हाथ चला गया तो इन्होंने प्रण लिया कि जब तक संपूर्ण मेवाड़ को मुगलों से वापस नहीं छुड़ा लेंगे तब तक अपने घर नहीं लौटेंगे। दुर्भाग्य से न राणा प्रताप जीते, न चितौड़ लौट पाए। तभी से ये खानाबदोश जिंदगी जी रहे हैं। ये सड़कों के किनारे तंबू डालकर अपना जीवन यापन कर करते हैं।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement