नई दिल्ली: यूनिफॉर्म सिविल कोड पर चल रही बहस के बीच दिल्ली से ‘ट्रिपल तलाक’ का एक ऐसा मामला सामने आया है, जो इस मुद्दे को नई हवा दे सकता है। यहां एक मुस्लिम महिला को उसके पति ने वॉट्सऐप पर तलाक दे दिया, जिसके बाद उसने इंसाफ के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। एक तरह से यह अब टेस्ट केस बन गया है कि क्या कोर्ट पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल बहुपत्नीवाद और ट्रिपल तलाक के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई चल रही है।
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दिल्ली की 28 वर्षीय महिला को उसके पति ने वॉट्सऐप के जरिए ‘तीन तलाक’ कह दिया। महिला की शादी को 6 साल हो चुके हैं। महिला की एक पांच साल की बेटी भी है। मीडिया से बात करते हुए महिला ने कहा कि मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई है, अब मैं क्या करूंगी। उन्होंने कहा कि अब मेरा और मेरी पांच साल की बच्ची का क्या होगा। महिला की शादी 22 साल की उम्र में हुई थी।
महिला ने बताया कि वॉट्सऐप पर तलाक मिलने से पहले भी इसे लगातार प्रताड़ित किया और धमकाया जाता था। महिला का कहना है कि उन्हें पति और ससुराल वाले अक्सर कम दहेज का ताना मारते रहते थे। उन्होंने बताया कि जब उनकी बेटी का जन्म हुआ था तो उनके पति ने गुस्से में उनका गला भी पकड़ लिया था। वह कुछ महीने पहले ही अपने पिता के घर वापस चली गई थीं, और उन्हें वहीं अपने पति का भेजा वॉट्सऐप मैसेज मिला।