Saturday, April 20, 2024
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चीनी हवाला मामला: दलाई लामा की जासूसी करने वाले चार्ली पेंग पर कसा शिकंजा, ED ने दर्ज किया केस

ED ने चाइना के रहने वाले चार्ली पेंग के खिलाफ किया मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज

Atul Bhatia Edited by: Atul Bhatia @atul_bhatia1
Updated on: August 17, 2020 17:51 IST
 Luo Sang alias Charlie Peng- India TV Hindi
Image Source : HARYANA POLICE  Luo Sang alias Charlie Peng

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लुओ सांग उर्फ चार्ली पेंग और अन्य के खिलाफ चीनी हवाला घोटाले में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है। 1000 करोड़ रुपये के हवाला रैकेट के मामले में चीनी संदिग्ध लुओ सांग उर्फ चाली पैंग को गिरफ्तार किया गया था। चार्ली से फिलहाल IT dept पूछताछ कर रहा है। चार्ली से जुड़ी चाइनीज कंपनी में रिटेल शोरूम के लिए जो 100 करोड़ रुपये का इन्वेस्ट हुआ था उसकी भी ED तफ्तीश करेगी। 40 बैंक एकाउंट और चार्ली से जुड़ी शैल कंपनियों के डायरेक्टर, CA और बैंक अधिकारी भी ED के रडार पर। 

एजेंसियों का कहना है कि गिरफ्तार चीनी नागरिक लुओ सांग के मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। भारत में ‘चार्ली पेंग’ के फर्जी नाम से रह रहा सांग दरअसल यहां चीन के लिए जासूसी कर रहा था। वह दिल्ली समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में निर्वासित तिब्बतियों से घुल-मिलकर और उनके ठौर-ठिकानों का पता लगा रहा था और इसकी जानकारी चीन की खुफिया एजेंसी ‘एमएसएस’ यानी मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी को भेज रहा था।

चीन के लिए दलाई लामा की जानकारी जुटा रहा था लुओ सांग! नेपाल के रास्ते आया था दिल्ली

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लुओ सांग साल 2009 में कुछ तिब्बती नागरिकों के साथ नेपाल पहुंचा और काठमांडू के पास काफी सालों तक रहा और अपना कुछ कारोबार शुरू किया। इसके बाद चीन के आदेश पर ये बस के जरिए नेपाल से दिल्ली आया और साल 2014 में नार्थ दिल्ली में कश्मीरी गेट के पास मजनू का टीला इलाके की पंजाबी कलौनी में रहने लगा, जहां ज्यादातर लोग बौद्ध धर्म से जुड़े रहते है। दिल्ली में मजनू का टीला में रहने के दौरान लुओ ने पहले नूडल्स का बिजनेस शुरू किया और फिर कुछ लोगों से जुड़कर ये भारत मे चीन का बिजनेस स्टेबलिश करने में कामयाब रहा है।

देखते ही देखते उसने भारत के अलग-अलग बैंकों तथा चार्टेड एकाउंटेंट की मदद से इसने हवाला रैकेट का काम बड़े लेवल पर शुरू कर दिया। लेकिन, ये यही नहीं रुका। चीन के आदेश पर इसने मजनू का टीला इलाके में कुछ लांबाओं को अपने दफ्तर के लोगों के जरिए रिश्वत भिजवाना शुरू किया और दलाई लामा और उनके बारे में जानकारियां इकट्ठी करनी शुरू की। सूत्रों की मानें तो एक लाम्बा को कम से कम 2 से 4 लाख रुपए रिश्वत के तौर पर दिए जाते थे और उनसे दलाई लाम्बा के बारे में जानकारियां ली जाती थी। इस काम के लिए लुओ खुद कभी मजनू का टीला नहीं जाता था बल्कि अपने साथियों को भेजता था, जिसके लिए ये चाइनीज ऐप वीचैट का इस्तेमाल करता था।

सूत्रों की मानें तो, लुओ उर्फ चार्ली 2014 से कुछ सालों तक मजनू का टीला में रहा और फिर हवाला कारोबार से जुड़कर इसने काफी पैसा जमा कर द्वारका में घर ले लिया लेकिन जब एजेंसियों की नजर इसपर पड़ी तो इसने पता बदलकर अपना ठिकाना गुरुग्राम में बना लिया। हाल ही में चार्ली को इनकम टैक्स विभाग ने हिरासत में लेकर हवाला रैकेट केस में उससे पूछताछ शुरू की थी, जिसमें पता लगा था कि इसने दिल्ली एनसीआर समेत भारत के कई हिस्सों में 40 बैंक अकाउंट खोले थे जिसमें 1000 करोड़ रुपए लांच किए गए थे और फर्जी शेल कम्पनियों के जरिए इन बैंक खातों में एडवांस के तौर पर 100 करोड़ रुपए इन्वेस्ट किए गए थे, जिसका मकसद चाइनीज स्टोर खोलने का था।

लुओ उर्फ चार्ली को साल 2018 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने फर्जी आधार कार्ड के साथ गिरफ्तार किया था, हालांकि तब इसको जमानत मिल गई थी लेकिन एजेंसियों की नजर इसपर लगातार थी। अब न केवल इनकम टैक्स बल्कि हवाला कारोबार हो या दलाई लामा की जानकारी चीन भेजने के मामले में कई एजेंसियां पूछताछ कर रही है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में आने वाले दिनों में कई अहम खुलासों के साथ अलग-अलग बैंकों के कई कर्मचारी, बड़े अफसर और चार्टेड एकाउंटेंट इनकम टैक्स की गिरफ्त में आ सकते है।

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