Friday, May 03, 2024
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दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज, देश विरोधी बयान देने का आरोप

दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने सोशल मीडिया पर एक विवादास्पद पोस्ट के मामले में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 02, 2020 13:52 IST
Zafarul-Islam Khan- India TV Hindi
Zafarul-Islam Khan । File Photo

नयी दिल्ली। दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने सोशल मीडिया पर एक विवादास्पद पोस्ट के मामले में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया है। यह जानकारी शनिवार को एक अधिकारी ने दी। पुलिस ने वसंत कुंज निवासी एक व्यक्ति की ओर से शिकायत मिलने के बाद खान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह) और 153ए (धर्म, नस्ल और जन्म स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता भड़काने) के तहत मामला दर्ज किया है। 

पुलिस ने बताया कि दर्ज कराई गई प्रथमिकी में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि खान का पोस्ट 'भड़काऊ', 'इरादतन' और राजद्रोह से युक्त था तथा यह समाज के सौहार्द को बिगाड़ने और विभाजन पैदा करने पर केंद्रित था। उन्होंने बताया कि साइबर शाखा मामले की जांच कर रही है। खान ने मंगलवार को पोस्ट किया था, लेकिन कुछ देर बाद ही उसे हटा लिया था और माफी मांग ली थी। भाजपा ने खान को आयोग से हटाने की मांग की। 

मालूम हो कि दिल्ली के वसंत कुंज के एक स्थानीय निवासी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है। यह शिकायत सफदरजंग एन्क्लेव के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) के जरिए स्पेशल सेल के आतंकरोधी दस्ते के कार्यालय तक पहुंची। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि 28 अप्रैल को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम ने ट्विटर और फेसबुक पर एक पोस्ट की, जिसकी सामग्री बहुत भड़काऊ थी, जिसका मकसद सौहार्द बिगाड़ना और समाज में भेदभाव पैदा करना है। शिकायत के साथ जफरुल इस्लाम के कथित विवादित सोशल मीडिया पोस्ट का स्क्रीनशॉट भी लगाया गया है।

पोस्ट को लेकर माफी भी मांगी थी

खान ने एक बयान में कहा, 'मुझे एहसास हुआ कि जब हमारा देश चिकित्सा आपातकाल का सामना कर रहा है और अदृश्य शत्रु से लड़ाई लड़ रहा है, तो मेरा ट्वीट गलत वक्त पर था और असंवेदनशील था। मैं उन सभी लोगों से माफी मांगता हूं जिनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है।' उन्होंने कहा कि 28 अप्रैल के उनके ट्वीट ने कुछ लोगों को ‘‘दुख’’ पहुंचाया है जिसमें उन्होंने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के संबंध में भारत के मुसलमानों के 'उत्पीड़न' की आवाज उठाने पर कुवैत का आभार व्यक्त किया था। खान ने कहा कि उनका इरादा लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का बिलकुल नहीं था।

जानिए क्या था जफरुल का पोस्ट?

जफरुल इस्लाम ने 28 अप्रैल को सोशल मीडिया पर कहा था कि भारत में मुसलमानों को दबाया जा रहा है। इतना ही नहीं, धमकी भरे लहजे में लिखा गया कि अगर भारतीय मुसलमानों ने भारत में धर्म के नाम पर हो रहे कथित अत्याचार के खिलाफ अरब और मुस्लिम देशों से शिकायत कर दी तो कट्टर लोगों को जलजले का सामना करना होगा। इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। वहीं नेशनल अल्पसंख्यक आयोग की तरफ से कहा गया था कि ये बेतुका और बचकाना बयान है, दिल्ली सरकार को इस पर तुरंत एक्शन लेना चाहिए।

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