Friday, April 26, 2024
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पुलवामा में शहीद हुए जवानों की याद में गांव वालों ने आयोजित की प्रार्थना सभा

अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज कुछ किलोमीटर दूर यहां स्थित पलौरा गांव के निवासियों ने पिछले साल पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक महीने तक चलने वाली प्रार्थना सभा का आयोजन किया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 09, 2020 21:00 IST
Jammu and Kashmir: Border residents hold month-long prayer...- India TV Hindi
Jammu and Kashmir: Border residents hold month-long prayer meet to honour CRPF personnel killed in Pulwama

सांबा (जम्मू कश्मीर): अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज कुछ किलोमीटर दूर यहां स्थित पलौरा गांव के निवासियों ने पिछले साल पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक महीने तक चलने वाली प्रार्थना सभा का आयोजन किया है। सीमा के पास स्थित इस जिले में प्रार्थना सभा दो फरवरी को अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित कर शुरू हुई। आयोजकों ने कहा कि इस आयोजन में स्थानीय युवाओं ने अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित कर पाकिस्तान को यह संदेश दिया कि हम अपनी सेना के साथ खड़े हैं और शत्रु को उसके नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं होने देंगे। प्रार्थना सभा का समापन तीन मार्च को होगा। 

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एक स्थानीय निवासी जयदेव सिंह ने कहा, “एक साल पहले पुलवामा में किए गए कायराना आतंकी हमले के प्रति हमारे युवाओं की ओर से यह एक भावनात्मक पहल है। इस अखंड ज्योति के माध्यम से हम उन सैनिकों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं जो पिछले तीन दशक में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से लड़ते हुए शहीद हुए।” प्रार्थना सभा स्थल पर महिलाओं और बच्चों समेत दर्जनों स्थानीय ग्रामीण बैठे हैं जो आसपास के क्षेत्रों के लोगों का भी ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इस सभा में जब भी कोई नया समूह जुड़ता है तो देशभक्ति के नारों से आसमान गूंज उठता है। 

कई पंचायत सदस्यों समेत स्थानीय खंड विकास परिषद के अध्यक्ष राधे श्याम भी प्रार्थना सभा में शिरकत कर इस कदम की प्रशंसा की। खुले मैदान में एक टेंट के अंदर एक बड़ा सा पोस्टर लगाया गया है जिसपर आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों की तस्वीरें लगी हुई हैं। तस्वीर के पास बैठे कुछ लोगों ने उपवास भी रखा है। जयदेव सिंह ने कहा, “हमने पाकिस्तानी गोलाबारी का दंश कई सालों तक झेला है। पुलवामा हमला सबसे घातक था जिसमें सीआरपीएफ के इतने सारे जवान शहीद हुए थे।” प्रार्थना सभा में शामिल एक अन्य व्यक्ति रशपाल वर्मा ने कहा कि गांव के नब्बे प्रतिशत युवा सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस में सेवा दे रहे हैं और सभी ग्रामीण राष्ट्रवादी हैं। ग्रामीणों ने कहा कि सीमा पर स्थित गांव के लोग सेना के साथ हैं और आवश्यकता पड़ने पर उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे।

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