किसान आत्महत्या- भले ही बेमौसम बारिश के चलते खराब हुई फसलों पर किसानों को डेढ़ गुना मुआवजे का ऐलान किया गया हो, लेकिन सरकार किसानों की बढ़ती आत्महत्याओं पर लगाम लगाने में लगभग नाकाम दिखी। मोदी सरकार के एक साल के कार्यकाल के दौरान काफी किसानों ने आत्महत्या की। कुल मिलाकर मोदी सरकार मुआवजे का मरहम लेकर इस मुहिम पर आगे तो बढ़ी लेकिन किसानों की आत्महत्या पर ठिठकती दिखी।
अल्पसंख्यकों पर हमले- बीते एक साल में अल्पसंख्यकों पर कई बड़े हमले हुए। दिल्ली और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों में चर्च पर हुए हमलों ने मोदी सरकार को सीधे-सीधे निशाने पर ले लिया। वहीं संघ द्वारा प्रायोजित घर वापसी के व्यापक कार्यक्रम और सरकार के कुछ मंत्रियों द्वारा अल्पसंख्यकों पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों ने भी सरकार को परेशानी में डाला। इस मोर्चे पर भी सरकार बेहतर करने में असफल दिखी।
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