भूमि अधिग्रहण- यूपीए सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध करने वाली एनडीए सरकार का संशोधित भूमि अधिग्रहण बिल लाया जाना इस साल का सबसे विवादित मुद्दा रहा। इस बिल को लेकर न सिर्फ कांग्रेस ने मोर्चा खोला बल्कि अन्य विपक्ष भी इसके खिलाफ लामबंद हो गया। इस मोर्चे पर भी मोदी सरकार लगभग नाकाम दिखी।
जीएसटी- पूरे देश में एक कर लाने की मंशा भी अपने मंसूबों पर कामयाब होती नहीं दिखी। इस जीएसटी को लेकर यह तक कह दिया गया कि यह वो जीएसटी नहीं जिसकी देश की जनता को दरकार थी। लोकसभा ने जीएसटी के जिस प्रारूप पर मुहर लगाई है उससे न तो कारोबार आसान होगा और न ही महंगाई घटने के आसार हैं। देश को वह जीएसटी नहीं मिल रहा है जिसका इंतजार पिछले एक दशक से हो रहा था।