Friday, March 29, 2024
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ओडिशा में कोविड-19 के 3,650 नए मामले, कोविड प्रतिबंधों के बीच हुआ भगवान जगन्नाथ का स्नान अनुष्ठान

ओडिशा में बृहस्पतिवार को कोविड-19 से 44 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 3,761 हो गई। वहीं 3,650 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 8,90,596 हो गई।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 24, 2021 16:30 IST
Odisha logs 3,650 fresh COVID-19 cases, 44 more fatalities- India TV Hindi
Image Source : ANI ओडिशा में बृहस्पतिवार को कोविड-19 से 44 और लोगों की मौत हो गई।

भुवनेश्वर: ओडिशा में बृहस्पतिवार को कोविड-19 से 44 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 3,761 हो गई। वहीं 3,650 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 8,90,596 हो गई। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि तटीय राज्य में 33,770 मरीजों का उपचार चल रहा है और अब तक 8,83,012 मरीज संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। नए मामले सभी 30 जिलों से सामने आए हैं, जिनमें से 2,098 मामले पृथकवास केंद्रों से और 1,552 मामले स्थानीय संक्रमण के हैं। संक्रमण के सबसे ज्यादा 604 नए मामले खुर्दा जिले से सामने आए हैं। राजधानी भुवनेश्वर इसी जिले का हिस्सा है। 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने ट्विटर पर बताया कि कोरोना संक्रमण के इलाज के दौरान 44 मरीजों की मौत हो गई। इसी बीच आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा टीकाकरण नीति में बदलाव के बाद राज्य सरकार ने टीके की खरीद के लिए निकाले गए वैश्विक ई-टेंडर (ठेके) को रद्द कर दिया। केंद्र सरकार ने 21 जून को घोषणा की थी कि 18 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों को मुफ़्त में टीके की खुराक दी जाएगी।

वहीं भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ का वार्षिक स्नान अनुष्ठान बिना श्रद्धालुओं के कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल के सख्त अनुपालन के बीच आज हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। स्नान यात्रा रथ यात्रा से पहले हिंदू कैलेंडर के ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के दिन होती है जिसे भगवान जगन्नाथ का जन्मदिवस माना जाता है। 

अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने वैश्विक महामारी के मद्देनजर लगातर दूसरे साल देवस्नान उत्सव में श्रद्धालुओं को शामिल होने की मंजूरी नहीं दी और 12वीं सदी के इस मंदिर के आस-पास सुरक्षा बढ़ा दी, लोगों के जमावड़े को रोकना सुनिश्चित करने के लिए बुधवार रात से निषेधाज्ञा लागू कर दी थी। पुरी जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने उत्सव के सीधे प्रसारण के लिए व्यापक व्यवस्था की है। 

वर्मा ने बताया कि जिन लोगों ने अनुष्ठानों में हिस्सा लिया उनकी आरटी-पीसीआर जांच की गई और उनकी जांच रिपोर्ट कोविड-19 के लिए नेगेटिव आई थी जबकि कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहे सेवकों को टीके की दोनों खुराकें लग चुकी हैं। भगवान की मूर्तियों को मंदिर परिसर में मौजूदा सूना कुआं से खींचे गए 108 घड़ों के पानी से स्नान कराया गया।

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