कश्मीर घाटी में पिछले कुछ दिनों में दो आतंकवादी घर वापस लौट चुके हैं, जबकि कई अन्य आतंकवादियों के माता-पिता भी अपने बच्चों से घर वापस लौटने की अपील कर रहे हैं। इनमें से कुछ अपील का वीडियो मैंने देखा जो वाकई दिल को छू जानेवाले हैं। इन नौजवानों के माता-पिता, उनकी बहन और पत्नी का दर्द देखकर दुख होता है जो घर छोड़कर चले गए और बंदूक उठा ली। बुढ़ापे में बेटा अगर मौत के रास्ते पर निकल जाए तो उसका दर्द मां ही समझ सकती है, उस पिता का दर्द कोई कम नहीं कर सकता।
आपको बता दूं कि जम्मू-कश्मीर में 14411 ऐसा फोन नंबर है जिस पर कॉल करके आतंकवाद के रास्ते पर चले गए नौजवान सुरक्षा बलों की मदद ले सकते हैं और घर वापस लौट सकते हैं। उनकी घर वापसी में सुरक्षा बलों की तरफ से पूरी मदद की जाती है। मुझे इस बात का गर्व है कि इंडिया टीवी पहला न्यूज चैनल है जिसने सबसे पहले दुनिया को माजिद की मां का हाल दिखाया था। टीवी पर मां के आंसू देखकर माजिद ने बंदूक छोड़ दी और घर लौट आया। माजिद की घर वापसी से उन माता-पिता को उम्मीद बंधी है जिनके बच्चे आंतकवादियों के चंगुल में फंस चुके हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि मां की अपील बेकार नहीं जाएगी। बेटे का दिल मां के आंसू देखकर जरूर पसीजेगा। जैसे माजिद अपने घर लौट आया उसी तरह वे बच्चे भी अपने घर लौटेंगे जो आतंकवादियों के बहकावे में आकर घर छोड़कर चले गए हैं। (रजत शर्मा)