जब शीना ने अपने प्री बोर्ड के एक्साम्स दिए थे तब उसने एक और ड्राफ्ट लिखा था जिसमे वो लिखती है की वो बीमार थी और इसीलिए ज़्यादा नहीं पढ़ पायी और एक्साम्स में उसने 84 % मार्क्स स्कोर किये। शीना ने लगभग अपने पिता को उसके मामाओ पर निर्भर रहने के लिए डांटा भी। शीना ने अपने पिता को समझाया की वो उसके दोनों मामाओं के साथ नया बिज़नेस शुरू ना करे क्यूकी उनमे से एक तो खुद के लिए ही नौकरी खोज रहा है और जैसे ही कोई अच्छा मौका मिलेगा वो वहां भाग जायेगा। शीना ने पिता को डांटते हुए लिखा है की का आपके पास वो क्षमता नहीं है वो आप खुद से अपना कुछ नया बिज़नेस शुरु करे बजाय की दूसरो पर निर्भर रहे। शीना ने अपने पिता से HITACHI KK की नौकरी छोड़ने के लिए भी कहा था।
लेकिन उसी लेटर में शीना ने अपनी आवाज़ को दबाते हुए यह भी कहा की "ओह ऐसा लगता है की में आपको गाइड करने की कोशिश कर रही हुं। इसके बाद शीना अपने पिता को एक सर्टिफिकेट लाने के लिए कहती है क्यूंकी वो सर्टिफिकेट मुझे आगे की मेरी पढाई के लिए स्कॉलरशिप देगा। शीना ने अपने पिता को लिखा है की यहाँ बहुत सारे खर्च है और सिद्धार्थ दास को यह उसके भविष्य को ध्यान में रख कर करने ही होंगे।
शीना के साथ पढ़ने वाली उसकी एक पुरानी क्लासमेट जो अब नार्थ इंडिया में रहती है, इस बात पर कहती है की वो सिद्धार्थ दास से साल 2001 में शीना के घर पर मिली थी, तब हम 8th क्लास में पढ़ते थे, शीना ने मुझे सिद्धार्थ से अपने पिता के तौर पर मिलवाया था
प्री बोर्ड के एक्साम्स खत्म होने के बाद शीना जब बोर्ड के एक्साम्स के लिए पढ़ाई कर रही थी तब उसने एक और लेटर लिखा था जिसमे शीना कहती है की वो लिफाफे कैसे लिए जाते है यह नहीं जानती है इसीलिए लेटर नहीं भेज पा रही है।
एक एंट्री में शीना ने अपने नाना नानी के अपने पिता सिद्धार्थ दास को लेकर किये जा रहे बर्ताव के बारे में भी लिखा है की वो इस बात से खुश नहीं है जो बर्ताव उसके नाना नानी उसके पिता के साथ करते है यहाँ ताकि की शीना अपने पिता से बात करना चाहती है लेकिन वो सिद्धार्थ को कॉल भी नहीं कर सकती है। शीना के नाना-नानी कहते है की सिद्धार्थ अच्छा आदमी नहीं है और वो सिद्धार्थ को बिलकुल पसंद नहीं करते है लेकिन मेरी अंतरमन मुझे उन पर विश्वास नहीं करने देता है।