"डैडी में आपसे बहुत नाराज़ हुं"
अपनी डायरी में शीना ने एक जगह यह भी लिखा है की वो अपने पिता से बहुत नाराज़ है। शीना ने लिखा है की " डैडी में आपसे बहुत नाराज़ हुं मुझे आपको लेटर लिखने के लिए वक्त नहीं मिलता है की लेकिन कम से कम आपको तो मुझे लेटर लिखने चाहिए। आप बहुत मतलबी हो हालाँकि में बहुत शर्मिंदा हु की में आपको लेटर नहीं लिख पाती हूं। 10th में क्लास में हमें बहुत मेहनत करनी पड़ती है, सुबह 7.30 बजे स्कूल जाना पड़ता है और फिर दोपहर में 3 बजे से लेकर 4.30 बजे तक मैथ्स की कोचिंग क्लास में जाना पड़ता है और उसके बाद 6 बजे से 8 तक साइंस की कोचिंग क्लास होती है। में घर ही शाम को 8.30 बजे जा पति हूं। उम्मीद करती हुं की आप यह समझेंगे की में कितना मेहनत कर रही हुं।
शीना ने इस डायरी को साल 2003 में लिखना शुरू किया जब वो क्लास 10th में थी। शीना के अपने पिता को लिखे गए लेटर बताते है की वो अपने पिता सिद्धार्थ दास से कितना ज़्यादा उम्मीद करती थी। अंदाजा इस बात का लगाया जा रहा है की शीना पहले अपनी डायरी में लेटर लिखा करती थी और फिर उन्हें अपने पिता को पोस्ट किया करती थी।
शीना लिखती है "डैडी मेने अपने नाख़ून काट लिए है और में उन्हें बड़ा नहीं होने देती हुं, में आपकी नसीहत को मानती हुं की पहले पढ़ाई और बाद में स्टाइल। मुझे पता है की आपके पास मुझे बताने के लिए बहुत कुछ है पर डैडी आप कुछ भी अपने लेटर्स में मत लिखियेगा। मुझे उम्मीद है की मेरे HSLC एक्साम्स से पहले आप मेरे पास ज़रूर आएंगे। आप दिसंबर में गुवाहाटी का ट्रिप क्यों नहीं बनाते है फिर आप जो कुछ मुझे बताना चाहते है सब बता देना "
एक दुसरे ड्राफ्ट में शीना सिद्धार्थ से पूछती है की वो किस कास्ट से है। पापा में बहुत कन्फ्यूज्ड हु की मेरी कास्ट क्या है हमारे पास ऑप्शन्स है schedule / OBC ।