Sunday, April 28, 2024
Advertisement

अचानक क्यों हटाए गए जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एस. पी. वैद्य?

तबादले के बाद एसपी वैद्य को जनरल एडमिनिस्ट्रेशन में भेजा गया है। उन्हें ट्रांसपोर्ट कमिश्नर का पद दिया गया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब प्रशासन के पास डीजीपी जैसे अहम पद के लिए एक फुलटाइम उम्मीदवार नहीं था तो अचानक एसपी वैद्य को तबादला क्यों किया गया।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 07, 2018 8:43 IST
अचानक क्यों हटाए गए जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एस. पी. वैद्य?- India TV Hindi
अचानक क्यों हटाए गए जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एस. पी. वैद्य?

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख एस. पी. वैद्य को बृहस्पतिवार देर रात उनके पद से हटा दिया गया और उनकी जगह पुलिस महानिदेशक (कारागार) दिलबाग सिंह को राज्य के पुलिस प्रमुख का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है लेकिन एसपी वैद्य को जिस तरह अचानक हटाया गया उस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जिस तरह वैद्य को हटाकर कामचलाऊ डीजीपी की नियुक्ति की गई है उससे पुलिस के मनोबल पर असर पड़ सकता है।

तबादले के बाद एसपी वैद्य को जनरल एडमिनिस्ट्रेशन में भेजा गया है। उन्हें ट्रांसपोर्ट कमिश्नर का पद दिया गया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब प्रशासन के पास डीजीपी जैसे अहम पद के लिए एक फुलटाइम उम्मीदवार नहीं था तो अचानक एसपी वैद्य को तबादला क्यों किया गया। वैद्य को तेजतर्रार अफसर माना जाता है। कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर वो काफी मीडिया फ्रेंडली रहे हैं। ऐसे में ऐसा क्या हो गया कि अचानक उनको डीजीपी पद से ट्रांसफर कर दिया गया।

सूत्रों से आ रही खबरों के मुताबिक जिस तरह पिछले कुछ महीने में जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों पर आतंकी हमले की घटनाएं बढ़ी हैं उससे घाटी में सही संदेश नहीं जा रहा था। कुछ दिन पहले पुलिसवालों के परिजनों के किडनैपिंग की खबरें भी सामने आईं थी, हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। माना जा रहा है कि ये सब भी एसपी वैद्य को डीजीपी पद से ट्रांसफर करने की वजह हो सकती है। वैसे भी जिस तरह उन्हें ट्रांसपोर्ट कमिश्नर जैसा कम अहम पद दिया गया है उसे एक तरह से कद घटाना ही कहेंगे।

अचानक जिस तरह उनका ट्रांसफर किया गया उस पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी सवाल उठाए हैं। उमर ने कहा है कि डीजीपी का तबादला करना प्रशासन का विशेषाधिकार होता है लेकिन डीजीपी जैसे पद पर कामचलाऊ इंतज़ाम क्यों? जिसे डीजीपी बनाया गया है उसे पता नहीं वो कितने दिन इस पद पर रहेंगे। कुछ अधिकारी इस पद को पाने की कोशिश करेंगे। ये जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए ठीक नहीं है।

एस. पी. वैद्य 1986 बैच के जम्मू-कश्मीर कैडर के आईपीएस एस.पी. वैद्य को देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का विश्वस्त सहयोगी माना जाता है। उन्होंने ऑपरेशन ऑल आउट सहित कई अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम भी दिया है। एसपी वैद्य जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले से ताल्लुक रखते हैं। अपने अदम्य साहस के चलते उन्हें कई वीरता पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। राज्य के सबसे खतरनाक इलाकों में उनकी पोस्टिंग रही है।

आतंकी हमलों की वजह से जम्मू-कश्मीर पुलिस वैसे ही इस वक्त दबाव में है। इस सबके बीच जिस तरह डीजीपी का तबादला कर इस अहम पद में कामचलाऊ डीजीपी की नियुक्ति की है उसे देखते हुए आने वाले दिनों में इस पर सवाल उठेंगे ही। बता दें कि बीते दिनों जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल के तौर पर सत्यपाल मलिक की नियुक्ति के बाद से ही केंद्र द्वारा राज्य को लेकर रणनीति में फेरबदल के संकेत मिल रहे थे। राज्य में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लगा है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement