नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने दहेज प्रताड़ना से जुड़ी शिकायतों से निपटने के लिए समिति गठित करने संबंधी अपने आदेश में संशोधन किया। न्यायालय ने कहा कि हमने दहेज प्रताड़ना के मामलों में गिरफ्तारी पूर्व या अग्रिम जमानत के प्रावधान को संरक्षित किया है। न्यायालय ने दो न्यायाधीशों वाली पीठ के फैसले में बदलाव करते हुए कहा कि दंड कानूनों में मौजूद खामी को संवैधानिक रूप से भरने की अदालतों के पास कोई गुंजाइश नहीं है।
दहेज उत्पीड़न मामले में पति की गिरफ्तारी होगी
दहेज उत्पीड़न के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व के अपने फैसले में बड़ा बदलाव करते हुए पति की गिरफ्तारी का रास्ता साफ कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि शिकायतों के निपटारे के लिए परिवार कल्याण कमिटी की जरूरत नहीं है। मामले में आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाते हुए कोर्ट ने कहा कि पीड़ित की सुरक्षा के लिए ऐसा करना जरूरी है।