Tuesday, April 16, 2024
Advertisement

पाकिस्तान की जेल से रिहा होते ही हॉस्पिटल में भर्ती हुए दो भारतीय मछुआरे, परिवार ने सुषमा स्वराज को कहा धन्यवाद

मेरी गंभीर बीमारी के बावजूद मुझे उद्यान में पानी डालने और बर्तन साफ करने जैसे काम करने को कहा जाता था।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 30, 2018 21:36 IST
चित्र का इस्तेमाल...- India TV Hindi
Image Source : PTI चित्र का इस्तेमाल प्रतीक के तौर पर किया गया है।

वडोदरा: पाकिस्तान की एक जेल से रिहा किये गए गुजरात के दो मछुआरे आज दोपहर में अहमदाबाद पहुंचे और उन्हें तत्काल इलाज के लिए स्थानीय सिविल अस्पताल ले जाया गया। अधिकारियों ने बताया कि दो मछुआरों..गिर सोमनाथ जिले के ऊना तहसील के पालडी निवासी दानाभाई अर्जनभाई चौहान और सौराष्ट्र के सुत्रपदा तहसील के कंजोतर निवासी रामाभाई गोहिल को कल शाम में पाकिस्तान की एक जेल से रिहा किया गया था। राज्य मत्स्योद्योग विभाग के अधिकारी किरण दवे ने बताया, “पाकिस्तानी रेंजरों ने इन दोनों मछुआरों को कल शाम वाघा सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सौंपा था। इसके बाद अमृतसर जिला कलेक्टर ने  लाज के लिए दोनों को शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘हमने अमृतसर में आधी रात में सारी औपचारिकताएं पूरी कर लेने के बाद दोनों मछुआरों को अपने साथ ले लिया। उनकी स्वास्थ्य स्थिति देखते हुए हमने उन्हें हवाई मार्ग से गुजरात लाने का फैसला किया।’’ चौहान जहां कैंसर से पीड़ित है, वहीं गोहिल को जेल में रहने के दौरान पक्षाघात हुआ था और वह व्हीलचेयर पर है। दवे ने कहा कि अहमदाबाद सिविल अस्पताल में प्रारंभिक इलाज के बाद चौहान को उसके पैतृक गांव पालड़ी ले जाया जाएगा जहां उसके परिवार के सदस्य घर में उसकी देखभाल करना चाहते हैं। गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने पीटीआई से कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि दोनों मछुआरों को सर्वश्रेष्ठ इलाज मिले। 

गुजरात मत्स्योद्योग केंद्रीय सहकारी संस्था लिमिटेड के अध्यक्ष वेलजीभाई मसानी और सुनील गोहिल सहित मत्स्य समुदाय के नेता अस्पताल पहुंचे और चौहान एवं गोहिल से मुलाकात की। चौहान को पाकिस्तानी समुद्री सुरक्षा एजेंसी ने तीन मई 2017 को कथित रूप से पाकिस्तानी जल सीमा में प्रवेश करने के लिए पकड़ा था। वहीं गोहिल को उससे पहले चार मार्च 2017 को पकड़ा गया था। विदेश मंत्रालय ने गुजरात के मत्स्योद्योग आयुक्त को दोनों की आसन्न रिहायी के बारे में सूचित किया था। मंत्रालय ने आयुक्त से उन्हें राज्य ले जाने के लिए इंतजाम करने को कहा था। 

चौहान ने अमृतसर से कहा , ‘‘ हम दोनों को पाकिस्तान के कराची जेल में अलग अलग सेल में रखा गया था और हमें जरूरी चिकित्सकीय मदद नहीं मिली। मेरी गंभीर बीमारी के बावजूद मुझे उद्यान में पानी डालने और बर्तन साफ करने जैसे काम करने को कहा जाता था। ’’ उन्होंने अपनी रिहायी के लिए सुषमा स्वराज को धन्यवाद देते हुए कहा , ‘‘ अब मुझे प्रसन्नता है कि मैं स्वदेश वापस आ गया हूं। ’’ चौहान की पत्नी रूदिबेन ने गत महीने सुषमा को पत्र लिखकर अपने बीमार पति को लाने में मदद मांगी थी। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement