चेन्नई: कर्नाटक संगीत के प्रसिद्ध गायक एम बालमुरली कृष्ण का मंगलवार को यहां निधन हो गया। एक बाल प्रतिभा के तौर पर कर्नाटक संगीत के मंच पर उनका उदय हुआ था और बाद में उन्होंने शास्त्रीय संगीत एवं सिनेमा की दुनिया में अपनी एक पहचान बनायी। दूरदर्शन पर 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' से भी वे काफी चर्चित हुए थे।
(देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें)
86 साल के बालमुरली कृष्ण कुछ समय से बीमार थे और आज यहां अपने घर पर उन्होंने अंतिम सांसें लीं। वे कृष्ण आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के शंकरगुप्तम के रहने वाले थे। उन्होंने संगीत एवं सिनेमा की दुनिया में अपनी जगह बनाने के लिए चेन्नई को अपना घर बना लिया। उनके परिवार में उनकी पत्नी, चार बेटे और दो बेटियां हैं।
संगीत क्षेत्र की बेहद सम्मानित हस्ती बालमुरली कृष्ण राष्ट्रीय एकता को समर्पित प्रसिद्ध गाने मिले सुर मेरा तुम्हारा में दिखे थे जिसमें उन्होंने तमिल में भी कुछ पंक्तियां गायी थीं। उन्होंने छह साल की उम्र में संगीत का अपना सफर शुरू किया था और बाद में संगीत क्षेत्र के सबसे बड़े नामों में शामिल हो गए।
बहमुखी व्यक्तित्व वाले बालमुरली कुष्ण ने ना केवल अपनी आवाज से बल्कि तेलुगू, संस्कृत, कन्नड़ और तमिल जैसी कई भाषाओं में 400 से अधिक गानों में संगीत देकर भी संगीत क्षेत्र को समृद्ध किया। बालमुरली कृष्ण ने तमिल और तेलुगू की कई फिल्मों में अभिनय भी किया था।
उन्होंने हिंदुस्तानी संगीत की प्रसिद्ध हस्तियों पंडित भीमसेन जोशी, किशोरी अमोनकर, हरिप्रसाद चौरसिया, पंडित जसराज और जाकिर हुसैन के साथ जुगलबंदी भी की। उन्हें पद्म विभूषण सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। कर्नाटक संगीत की शीर्ष हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया है।