Thursday, May 02, 2024
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इन ऐतिहासिक राजनीतिक यात्राओं ने बनाया है इतिहास, क्या कांग्रेसी की 'भारत जोड़ो यात्रा' इनमें से एक है?

राहुल गांधी ने कांग्रेस के कई अन्य नेताओं के साथ मिलकर पिछले महीने 3,570 किलोमीटर की कन्याकुमारी से कश्मीर ‘भारत जोड़ो’ यात्रा शुरू की थी।

Sushmit Sinha Edited By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published on: October 02, 2022 22:50 IST
Congress Bharat Jodo Yatra- India TV Hindi
Image Source : PTI Congress Bharat Jodo Yatra

इस डिजिटल युग में जब राजनीतिक पार्टियां अपने वोटरों से जुड़ने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रही हैं, उस दौर में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस लोगों से संबंध प्रगाढ़ करने का सबसे पूराना तरीका अपना रही है। यानि यात्रा कर उनके पास जा कर उनसे मिलने का तरीका। अब सवाल उठता है कि क्या ये यात्राएं सोशल मीडिया कैंपेनिंग से बेहतर हैं? हालांकि, एक बात जो बिना संकोच के कहा जा सकता है वो ये है कि इस देश ने कई ऐसी यात्राएं देखी हैं, जिसने इतिहास रच दिया है।

कांग्रेस के साथ इन दलों ने भी शुरू की यात्राएं

राहुल गांधी ने कांग्रेस के कई अन्य नेताओं के साथ मिलकर पिछले महीने 3,570 किलोमीटर की कन्याकुमारी से कश्मीर ‘भारत जोड़ो’ यात्रा शुरू की थी। रविवार को दो और यात्राएं शुरू हुईं, जिनमें ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में बीजू जनता दल (बीजद) की जन संपर्क पदयात्रा और पश्चिम चंपारण के गांधी आश्रम से बिहार के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की 3,500 किलोमीटर लंबी पदयात्रा शामिल हैं। पटनायक ने भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर के पास गांधी जयंती के अवसर पर जन संपर्क कार्यक्रम शुरू किया, जिसमें बीजद के नेताओं और कार्यकर्ताओं से ओडिशा के विकास के लिए सभी के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया।

प्रशांत किशोर और उनके समर्थक यात्रा के दौरान बिहार के हर पंचायत और ब्लॉक तक पहुंचने का प्रयास करेंगे, जिसे पूरा होने में 12 से 15 महीने लग सकते हैं। किशोर ने भितिहरवा गांधी आश्रम से मार्च की शुरुआत की, जहां से महात्मा गांधी ने 1917 में अपना पहला सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था। जैसे ही चुनाव रणनीतिकार और उनके समर्थकों ने ‘‘पदयात्रा’’ शुरू की, रास्ते में लोगों ने उनका स्वागत किया।

पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की यात्रा

कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ रविवार को अपने 25वें दिन में प्रवेश कर गई और तमिलनाडु और केरल से होते हुए कर्नाटक में पहुंच गई है। कांग्रेस ने कहा है कि यह भारतीय राजनीति के लिए ‘परिवर्तनकारी क्षण’ और पार्टी के कायाकल्प के वास्ते ‘निर्णायक क्षण’ है। वर्ष 1983 में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने ‘भारत यात्रा’ के तहत कन्याकुमारी से पैदल मार्च शुरू किया था। यह यात्रा 6 जनवरी, 1983 को शुरू हुई थी और छह महीने बाद नई दिल्ली पहुंची थी। हालांकि, पर्यवेक्षक चंद्रशेखर की पदयात्रा को काफी हद तक सफल घटना मानते हैं, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की घटना ने 1984 के आम चुनाव में इसके प्रभाव को कम कर दिया।

राजीव गांधी की यात्रा

तत्कालीन प्रधानमंत्री एवं कांग्रेस अध्यक्ष राजीव गांधी ने 1985 में मुंबई में एआईसीसी के पूर्ण सत्र में ‘संदेश यात्रा’ की घोषणा की थी। अखिल भारतीय कांग्रेस सेवा दल ने इसे पूरे देश में चलाया था। प्रदेश कांग्रेस समितियों (पीसीसी) और पार्टी के नेताओं ने मुंबई, कश्मीर, कन्याकुमारी और पूर्वोत्तर से एक साथ चार यात्राएं कीं। तीन महीने से अधिक समय तक चली यह यात्रा दिल्ली के रामलीला मैदान में संपन्न हुई।

आडवाणी की यात्रा

भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में 1990 में की गई रथ यात्रा ने राम मंदिर आंदोलन को गति देने के लिए निकाली गई थी। सितंबर 1990 में शुरू हुई यात्रा 10,000 किलोमीटर की दूरी तय करने और 30 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में समाप्त होने वाली थी। इसे उत्तरी बिहार के समस्तीपुर में रोक दिया गया था और आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया गया था। राजनीतिक दलों द्वारा कई अन्य यात्राएं निकाली गई हैं जैसे कि 1991 में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में एकता यात्रा, अप्रैल 2003 में कांग्रेस नेता वाई एस राजशेखर रेड्डी की 1,400 किलोमीटर की पदयात्रा, 2004 में आडवाणी की ‘भारत उदय’ यात्रा, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के छह साल के शासनकाल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया था।

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