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विषैले केमिकल, 350 से ज्यादा नियमों का उल्लंघन, 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप बनाने वाली कंपनी को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे

छिंदवाड़ा में कफ सिरप से बच्चों की मौत मामले में तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल विभाग की जांच में कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। सीरप में विषैले पदार्थ इस्तेमाल किए जा रहे थे।

Reported By : Anurag Amitabh Edited By : Mangal Yadav Published : Oct 07, 2025 10:04 am IST, Updated : Oct 07, 2025 11:51 pm IST
कफ सिरप का सैंपल- India TV Hindi
Image Source : ANI कफ सिरप का सैंपल

छिंदवाड़ाः मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप से बच्चों की मौत मामले में तमिलनाडु सरकार की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। तमिलनाडु की कंपनी में गंदगी के बीच कफ सिरप बनाया जा रहा था। ये खुलासा तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल विभाग की जांच में हुआ है। जांच में सामने आया कि कंपनी ने 350 से ज्यादा बार नियमों का उल्लंघन किया। 

जांच में सामने आई ये चीजें

जांच में सामने आया कि कफ सिरप कंपनी के पास स्किल्ड मैनपॉवर, मशीनरी, फैसिलिटी और उपकरणों की कमी है। सिरप में प्रोपलीन ग्लाईकॉल और डायएथनील ग्लाईकॉल पाया गया है। बता दें कि प्रोपलीन ग्लाईकॉल एक कम विषैला इंडस्ट्रियल सॉल्वैंट होता है और इसे आम तौर पर सुरक्षित माना जाता है, इसलिए इसका उपयोग भोजन, दवा और ब्यूटी प्रोडक्ट्स में होता है। हालांकि, ज्यादा मात्रा में और लंबे समय तक इसके उपयोग से विषाक्तता हो सकती है। 

रिपोर्ट में पाया गया कि कंपनी ने 50 किलो प्रोपलीन बिना चालान के खरीदा गया था जोकि अवैध श्रेणी में आता है। कई बार सस्ते विकल्प के रूप में डायथिलीन ग्लाइकॉल को प्रोपलीन ग्लाईकॉल की जगह इस्तेमाल किया जाता है, जिससे छिंदवाड़ा जैसी घटनाएं होती हैं। 

कफ सिरप में हो रहे थे विषैले पदार्थ

औद्योगिक उत्पादों जैसे ब्रेक फ्लुइड, पेंट, प्लास्टिक और कुछ घरेलू वस्तुओं में सॉल्वेंट के रूप में डाईएथलीन ग्लाईकॉल का इस्तेमाल होता है लेकिन खाद्य उत्पादों या दवाओं में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि मानव शरीर के लिए प्रोपलीन ग्लाईकॉल से ज्यादा घातक डाईएथनील ग्लाईकॉल होता है। बता दें कि एक और 2 अक्टूबर (गांधी जयंती/दशहरा) की छुट्टी पर भी तमिलनाडु का ड्रग कंट्रोल विभाग काम कर रहा था। कफ सिरप बनाने वाली कंपनी में जांच इन्ही 2 तारीखों पर किया गया। 

मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से 14 बच्चों की मौत

बता दें कि मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से 14 बच्चों की मौत के बाद कई राज्यों ने सोमवार को इसकी खपत और आपूर्ति को रोकने के लिए कार्रवाई तेज कर दी। सरकार ने तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया और औषधि नियंत्रक का तबादला कर दिया। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में एक महीने में 14 बच्चों की गुर्दे की खराबी के कारण हुई मौत की बात सामने आई है। तमिलनाडु में निर्मित कफ सिरप में अत्यधिक जहरीले पदार्थ डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) की खतरनाक मिलावट पाई गई। इन मौतों के कारण राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य अलर्ट जारी किया गया, जिसके परिणामस्वरूप मध्य प्रदेश में अधिकारियों को निलंबित किया गया, गिरफ्तारियां की गईं, देश भर में स्टॉक जब्त किया गया, केरल और कर्नाटक जैसे राज्यों में दवा संबंधी दिशानिर्देशों में तत्काल कड़े बदलाव किए गए। कोल्ड्रिफ कफ सिरप को पंजाब में भी बैन कर दिया गया है।

 

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