आरोपियों ने बताया कि वे अधिकारियों से बचने के लिए चिप्स और स्नैक्स के डिब्बों के बीच प्रतिबंधित सामग्री की तस्करी करते थे। कफ सिरप में मादक पदार्थ कोडीन पाया गया है।
WHO warns against cough syrups: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद डब्लूएचओ ने भारत में 3 कफ सिरप के खिलाफ चेतावनी दी है।
इंस्टाग्राम पर एक वीडियो बहुत ज्यादा वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में सरकार द्वारा कफ सिरप में 'डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड' नामक घटक पर प्रतिबंध लगाने का दावा किया गया है।
कोर्ट ने आरोपी रंगनाथन को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। वहीं, वकीलों ने आरोपियों के साथ धक्का-मुक्की की और उन्हें फांसी देने की मांग की।
मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों में बड़ी संख्या में मासूम बच्चों की मौत जहरीला कफ सिरप पीने से हो गई। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर CBI जांच की मांग को लेकर याचिका खारिज की गई थी। इस पर आज सुनवाई होनी थी।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तमिलनाडु में कफ सिरप के कारण बच्चों की मौत और किडनी खराब होने की घटना पर गहरा रोष जताया है। उन्होंने तमिलनाडु सरकार पर आरोप लगाया कि वह सहयोग नहीं कर रही। उन्होंने इस मामले को लेकर राहुल गांधी पर भी निशाना साधा।
भारत में कफ सिरप के कारण बच्चों की मौत का मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत सरकार से इस घटना और बच्चों को दी जाने वाली दवाओं की सुरक्षा पर स्पष्टीकरण मांगा है।
मध्य प्रदेश पुलिस ने कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए जहरीली Coldrif कफ सिरप कंपनी के मालिक को गिरफ्तार कर लिया है।
पुणे में नकली कफ सिरप के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। यहां रेडिनेक्स pharmaceutical कंपनी का स्टॉक जब्त किया गया है। खांसी की दवा बनाने वाली कंपनियों की गहन जांच शुरू कर दी गई है।
मध्य प्रदेश में कफ सिरप के कारण हुई मौतों पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि ऐसी घटना से मन में भारी दुख होता है। सीएम मोहन यादव ने माना है कि छिंदवाड़ा की घटना प्रशासनिक चूक है।
जांच के बाद 44 पन्नों की जो रिपोर्ट तैयार की गई उसमें लिखा है कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने में 39 तरह की गंभीर गड़बड़ियां और 325 तरह की अन्य कमियां पाई गईं।
कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में बड़ी जानकारी सामने आई है। जिस कफ सिरप से बच्चों की मौत हुई उस कफ सिरप से संबंधित फॉर्मूला को लेकर केंद्र सरकार ने दो साल पहले ही चेतावनी जारी की थी।
मध्य प्रदेश सिरप कांड में सुरेंद्रनगर की एक फार्मा कंपनी की सिरप इस्तेमाल की गई थी। दिल्ली से आई एक टीम ने इसकी जांच की और पाया कि मध्य प्रदेश में बच्चों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कफ सिरप का संबंध गुजरात से है।
कफ सिरप पीने से मध्य प्रदेश और राजस्थान में मासूम बच्चों की बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर इस मामले की सीबीआई जांच करने की मांग रखी गई है।
छिंदवाड़ा में कफ सिरप से बच्चों की मौत मामले में तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल विभाग की जांच में कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। सीरप में विषैले पदार्थ इस्तेमाल किए जा रहे थे।
मृत बच्चों के परिजनों के लिए सबसे बड़ी त्रासदी यह रही कि अपने जिगर के टुकड़ों का जीवन बचाने के लिए उन्होंने जो कुछ भी किया, वह सब व्यर्थ रहा। परासिया के रहने वाले यासीन खान ने चार साल के बेटे को बचाने के लिए आजीविका का एकमात्र साधन अपना ऑटो-रिक्शा तक बेच दिया।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जहरीली कफ सिरप पीने के बाद एक के बाद एक कई बच्चों की मौत हो गई है। अब राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले में सख्त एक्शन लिया है।
छिंदवाड़ा में जहरीली कफ सिरप पीने से 14 बच्चों की मौत के बाद यूपी में भी इस कफ सिरप पर बैन लगा दिया गया है। इसके साथ ही लखनऊ में कई जगहों पर इसकी बिक्री रोकने के लिए छापेमारी भी की गई।
एमपी के छिंदवाड़ा में जहरीली सिरप पीने की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। ताजा जानकारी के मुताबिक अब तक जहरीली सिरप पीने की वजह से 16 बच्चों की मौत हो गई है।
छिंदवाड़ा में कफ सिरप से बच्चों की हुई मौत मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। संदिग्ध कफ सिरप 'कोल्ड्रिफ' लिखने वाले बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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