Monday, May 06, 2024
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बढ़ते कोरोना के बीच अच्छी खबर, 7 से 13 जनवरी के बीच भारत की ‘आर-वैल्यू’ गिरकर 2.2 हुई

भारत में ‘आर-वैल्यू’ 7 जनवरी से 13 जनवरी के बीच 2.2 दर्ज की गई जो पिछले दो हफ्तों से कम है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के प्रारंभिक विश्लेषण में यह बात सामने आई है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 16, 2022 19:07 IST
बढ़ते कोरोना के बीच अच्छी खबर, 7 से 13 जनवरी के बीच भारत की ‘आर-वैल्यू’ गिरकर 2.2 हुई- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE PHOTO बढ़ते कोरोना के बीच अच्छी खबर, 7 से 13 जनवरी के बीच भारत की ‘आर-वैल्यू’ गिरकर 2.2 हुई

Highlights

  • आईआईटी मद्रास के विश्लेषण से आयी राहतभरी खबर
  • विश्लेषण में भारत के 4 मेट्रो शहरों के आर वैल्यू के बारे में बताया गया है
  • जानिए क्या होती है आर वैल्यू?

नयी दिल्ली: देश में क्या कोरोना का खतरा कम हो रहा है? बढ़ते कोरोना मामलों के बीच एक राहत भरी खबर आयी है। दो हफ्ते लगातार बढ़ने के बाद 'आर वैल्यू' में गिरावट दर्ज की गई है। इस बीच आईआईटी मद्रास के विश्लेषण ने एक और राहतभरी खबर दी है। आईआईटी के डिपार्टमेंट ऑफ मैथमैटिक्स एंड सेंटर फॉर एक्सिलेंस फॉर कम्प्यूटेशन मैथमैटिक्स एंड डेटा साइंस के प्रोफेसर नीलेशन एस उपाध्याय और प्रोफेसर एस सुंदर के विश्लेषण में भारत के 4 मेट्रो शहरों के आर वैल्यू के बारे में बताया गया है। ज्यादातर विश्लेषक मान रहे हैं कि भारत में कोरोना की पीक जल्द ही आ सकती है। 

भारत में ‘आर-वैल्यू’ 7 जनवरी से 13 जनवरी के बीच 2.2 दर्ज की गई जो पिछले दो हफ्तों से कम है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के प्रारंभिक विश्लेषण में यह बात सामने आई है। प्रो.नीलेश एस. उपाध्याय और प्रो. एस. सुंदर की अध्यक्षता में आईआईटी मद्रास के गणित विभाग और ‘सेंटर ऑफ एक्सेलेंस फॉर कम्प्यूटेशनल मैथेमैटिक्स एंड डेटा साइंस’ के विश्लेषण के अनुसार, इस दौरान मुंबई की आर वैल्यू 1.3, दिल्ली की 2.5, चेन्नई की 2.4 और कोलकाता की 1.6 थी। आईआईटी मद्रास में गणित विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. जयंत झा ने कहा कि आर वैल्यू संपर्क दर और अपेक्षित समय अंतराल पर निर्भर करता है, जिसमें संक्रमण हो सकता है। 

जानिए क्या होती है आर वैल्यू? (What is  R Value)

‘आर-वैल्यू’ यह इंगित करती है कि कोविड-19 कितनी तेजी से फैल रहा है। आसान वैज्ञानिक भाषा में समझें तो ‘आर-वैल्यू’ यह दर्शाती है कि एक संक्रमित व्यक्ति औसतन कितने लोगों को संक्रमित करता है। दूसरे शब्दों में कहें तो इससे यह पता चलता है कि वायरस कितनी तेजी से फैल रहा है। यदि यह वैल्यू एक से नीचे चली जाती है तो महामारी को समाप्त माना जाता है। अगर किसी कोरोना संक्रमित की आर वैल्यू एक है, तो उसकी ओर से किसी 1 और व्यक्ति को संक्रमित किए जाने का खतरा है। उधर अगर किसी व्यक्ति की आर वैल्यू तीन है, तो वह तीन लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकता है। आमतौर पर कोरोना के बड़े स्तर पर फैलने के दौरान इंसानों की आर वैल्यू ज्यादा होती है और लगातार बढ़ते इस आंकड़े को रोकने के लिए सरकारें प्रतिबंधों-कर्फ्यू या लॉकडाउन जैसे कदम उठाती हैं। 

बताया गया है कि 25 दिसंबर से 31 दिसंबर तक पूरे भारत में आर वैल्यू 2.9 तक पहुंच गई थी, जबकि 1 जनवरी से 6 जनवरी तक यह आंकड़ा 4 तक पहुंच गया था। यानी इस दौरान कोई एक पीड़ित औसत तौर पर अपने साथ चार और को कोरोना संक्रमित कर सकता था। विशेषज्ञों के मुताबिक, प्रत्येक नमूने का जीनोम अनुक्रमण (सीक्वेंसिंग) करना संभव नहीं है लेकिन इस बात पर जोर दिया कि वायरस की यह लहर मुख्यत: ओमिक्रॉन के कारण ही है। 

जानिए देश में कोरोना के अभी कितने मामले आ चुके हैं

देश में कोविड-19 के 2,71,202 नये मामले आने के बाद देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 3,71,22,164 हो गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, इनमें कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के 7,743 मामले भी शामिल हैं। देश में पिछले 24 घंटों में ओमिक्रॉन के 1,702 नये मामले सामने आए, जो अब तक एक दिन में सामने आए मामलों के लिहाज से सर्वाधिक हैं और शनिवार से इसमें 28.17 प्रतिशत की वृद्धि हुई। (इनपुट- भाषा)

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