पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के लिए हालात हर रोज बदतर होते चले जा रहे हैं। देश में रह रहे हिंदू, ईसाई समुदाय के लोगों को लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा है। हर रोज पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में हिंदू महिलाओं और नाबालिग लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने की भी खबरें सामने आती रहती हैं। हालांकि, हद तो तब हो गई जब अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान, भारत को ज्ञान देने आ पहुंचा। अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को इस मामले में खुद के गिरेबां में झांकने की सलाह दी है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने भारत में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न पर झूठे बयान जारी किए हैं। ताहिर अंद्राबी ने भारत पर मुसलमानों के खिलाफ हिंसा और क्रिसमस के दौरान घटनाओं का जिक्र किया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इन घटनाओं पर ध्यान देने की अपील की है। पाकिस्तान ने भारत पर मुसलमानों के बीच भय और अलगाव को गहरा करने का आरोप लगाया है।
भारत ने क्या जवाब दिया?
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा भारत को लेकर की गई टिप्पणियों को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने बयान जारी किया है और पाकिस्तान को बुरी तरह से लताड़ लगाई है। रणधीर जयसवाल ने कहा, "हम उस देश की कथित टिप्पणियों को खारिज करते हैं जिसका इस मोर्चे पर घिनौना रिकॉर्ड खुद ही सब कुछ बयां करता है। पाकिस्तान में विभिन्न धर्मों के अल्पसंख्यकों का भयावह और सुनियोजित उत्पीड़न एक स्थापित तथ्य है। किसी भी तरह से दूसरों पर आरोप लगाने से यह छिप नहीं सकता।"
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