Monday, April 29, 2024
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ISRO का 2022 का पहला अभियान: श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ PSLV-C52, दो छोटे उपग्रहों को लेकर गया साथ

साल के पहले मिशन पर करीबी नजर रख रहे वैज्ञानिकों ने इस पर खुशी जतायी और तालियां बजाईं। सफल प्रक्षेपण की घोषणा करते हुए इसरो ने कहा कि करीब 19 मिनट की उड़ान के बाद प्रक्षेपण यान ने उपग्रहों को निर्धारित कक्षा में स्थापित किया। 

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 14, 2022 12:17 IST
ISRO का PSLV-C52 लॉन्च- India TV Hindi
Image Source : ISRO ISRO का PSLV-C52 लॉन्च

Highlights

  • PSLV-C 52 के जरिए सोमवार को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया
  • साल के पहले मिशन पर करीबी नजर रख रहे वैज्ञानिकों ने इस पर खुशी जतायी और तालियां बजाईं
  • करीब 19 मिनट की उड़ान के बाद प्रक्षेपण यान ने उपग्रहों को निर्धारित कक्षा में स्थापित किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 2022 के अपने पहले प्रक्षेपण अभियान के तहत धरती पर नजर रखने वाले उपग्रह ईओएस-04 और दो छोटे उपग्रहों को पीएसएलवी-सी 52 के जरिए सोमवार को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया। ISRO ने इसे ‘अद्भुत उपलब्धि’ बताया है। अंतरिक्ष एजेंसी के प्रक्षेपण यान पीएसएलवी ने अंतरिक्ष के लिए सुबह पांच बजकर 59 मिनट पर उड़ान भरी और तीनों उपग्रहों को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया। 

साल के पहले मिशन पर करीबी नजर रख रहे वैज्ञानिकों ने इस पर खुशी जतायी और तालियां बजाईं। सफल प्रक्षेपण की घोषणा करते हुए इसरो ने कहा कि करीब 19 मिनट की उड़ान के बाद प्रक्षेपण यान ने उपग्रहों को निर्धारित कक्षा में स्थापित किया। उसने बताया कि ईओएस-04, इन्सपायर सैट-1 और आईएनएस-2टीडी को सुबह छह बजकर 17 मिनट पर सूर्य की तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया गया और उपग्रहों को जिन कक्षाओं में स्थापित किया गया, वह निर्धारित कक्षाओं के ‘बेहद करीब’ है। 

इसरो के ‘टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क’ ने बताया कि आने वाले दिनों में उपग्रह को अंतिम परिचालन की स्थिति में लाया जाएगा, जिसके बाद वह आंकड़ें मुहैया कराना शुरू करेगा। इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने सफलतापूर्वक प्रक्षेपण के बाद कहा, ‘पीएसएलवी-सी52/ईओएस-04 मिशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। प्राथमिक उपग्रह ईओएस-04 को पीएसएलवी-सी52 ने बेहद सटीक कक्षा में स्थापित किया और इसके साथ ही गए उपग्रह इन्सपायर सैट-1 और आईएनएस-2टीडी को भी सही कक्षा में स्थापित किया।’

संयोग से आज का प्रक्षेपण सोमनाथ के हाल में अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष का कार्यभार संभालने के बाद पहला अभियान भी है। उन्होंने इस मिशन को संभव बनाने के लिए हर किसी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, ‘यह अंतरिक्ष यान देश की सेवा करने के वास्ते हमारे लिए बड़ी संपत्तियों में से एक होगा।’ मिशन के निदेशक एस आर बीजू ने कहा, ‘आज हमने जो हासिल किया है, वह वाकई शानदार है।’ 

उपग्रह निदेशक श्रीकांत ने कहा कि ईओएस-04 प्रक्षेपण यान से अलग होने के बाद बिल्कुल सही-सलामत है और प्रक्षेपण के बाद सौर पैनल खुद तैनात होते हैं और उन्होंने वांछित ऊर्जा देना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘कुछ दिनों में उपग्रह धरती की तस्वीरें देने लगेगा। इसकी सेवाएं कई सरकारी विभागों का अहम हिस्सा होंगी। प्रिंट तथा परीक्षण के रूप में उद्योग भागीदारी के साथ अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने के देश के सपने को साकार करने की दिशा में ईओएस-04 ने एक छोटा-सा कदम उठाया है। हम अपने प्रयास में कामयाब हो गए हैं।’ 

इससे पहले आज के प्रक्षेपण के लिए रविवार को सुबह चार बजकर 29 मिनट पर साढ़े 25 घंटे की उलटी गिनती शुरू हुई थी। ईओएस-04 एक ‘रडार इमेजिंग सैटेलाइट’ है जिसे कृषि, वानिकी और वृक्षारोपण, मिट्टी की नमी और जल विज्ञान तथा बाढ़ मानचित्रण जैसे अनुप्रयोगों एवं सभी मौसम स्थितियों में उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका वजन 1,710 किलोग्राम है। इस उपग्रह की उम्र 10 वर्ष है। 

बेंगलुरु के यू आर राव उपग्रह केंद्र से प्रक्षेपित उपग्रह 2,280 वॉट ऊर्जा पैदा करता है। पीएसएलवी अपने साथ में इन्सपायर सैट-1 उपग्रह भी लेकर गया, जिसे भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) ने कोलोराडो विश्वविद्यालय, बोल्डर की वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला के सहयोग से तैयार किया है जबकि दूसरा उपग्रह आईएनएस-2टीडी एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक उपग्रह है। 

इन्सपायर सैट-1 उपग्रह का उद्देश्य आयनमंडल के गति विज्ञान और सूर्य की कोरोनल ऊष्मीय प्रक्रियाओं की समझ में सुधार करना है। इसका वजन 8.1 किलोग्राम है। वहीं, 17.5 किलोग्राम वजनी आईएनएस-2टीडी के उपकरण के रूप में एक थर्मल इमेजिंग कैमरा होने से उपग्रह भूमि की सतह के तापमान, आर्द्रभूमि या झीलों के पानी की सतह के तापमान, वनस्पतियों (फसलों और जंगल) और तापीय जड़त्व (दिन और रात) के आकलन में सहायता प्रदान करेगा। यह पीएसएलवी की 54वीं उड़ान है और 6 पीएसओएम-एक्सएल (स्ट्रैप-ऑन मोटर्स) के साथ ‘पीएसएलवी-एक्सएल कॉन्फिगरेशन’ का उपयोग करते हुए 23वां मिशन है। 

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