Thursday, April 25, 2024
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Karnataka: कर्नाटक में PSI भर्ती घोटाले में हुई बड़ी गिरफ्तारी, ADGP रैंक के अधिकारी को किया अरेस्ट

Karnataka: कर्नाटक में PSI भर्ती घोटाले में CID ने ADGP रैंक के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस साल अप्रैल में घोटाला खुलेने के समय गिरफ्तार ADGP अमृत पॉल भर्ती प्रकोष्ठ के प्रमुख थे।

Akash Mishra Edited By: Akash Mishra
Updated on: July 04, 2022 19:42 IST
Representational Image- India TV Hindi
Image Source : PTI Representational Image

Highlights

  • सबसे पहले घोटाला कालबुरागी जिले में सामने आया
  • 545 पदों को भरने के लिए PSI भर्ती अक्टूबर 2021 में शुरू हुई थी
  • विपक्ष ने सरकार में हाई-प्रोफाइल लोगों की संलिप्तता का लगाया आरोप

Karnataka: पुलिस उपनिरीक्षक (PSI) भर्ती घोटाला प्रकरण के सिलसिले में कर्नाटक अपराध जांच विभाग (CID) ने सोमवार को ADGP रैंक के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस साल अप्रैल में घोटाला खुलेने के समय गिरफ्तार ADGP अमृत पॉल भर्ती प्रकोष्ठ के प्रमुख थे। इसके बाद बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आने के बाद वरिष्ठ IPS अधिकारी का तबादला ADGP, आंतरिक सुरक्षा प्रभाग के पद पर कर दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, भर्ती विभाग में ही फर्ज़ी अभ्यर्थियों की अंक सूची से कथित तौर पर छेड़छाड़ की गयी थी। सूत्रों ने दावा किया कि पॉल कथित तौर पर घटनाओं के बारे में जानते थे। सूत्रों ने कहा कि ADGP को पुलिस ने कम से कम चार बार पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा ''गिरफ्तारी के बाद उन्हें स्वास्थ्य जांच के लिए बॉरिंग एंड लेडी कर्जन अस्पताल ले जाया गया।''

OMR शीट को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर खुला घोटाला

यह घोटाला सबसे पहले कालबुरागी जिले में सामने आया, जब एक उम्मीदवार की OMR शीट सोशल मीडिया पर पोस्ट की गयी। इसमें दिखाया गया था कि 100 में से केवल 21 प्रश्नों का उत्तर देने के बावजूद उसने परीक्षा पास की थी। इससे परीक्षा आयोजित करने के तरीके के खिलाफ लोगों में आक्रोश फैल गया। पुलिस ने मामले की जांच की और उम्मीदवार व इसे सोशल मीडिया पर डालने वाले व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया। उक्त मामले की जांच के संबंध में, एक फरार BJP नेता और कालबुरागी में 'ज्ञान ज्योति इंग्लिश मीडियम स्कूल' के मालिक, दिव्या हागरागी, कॉलेज के प्रिंसिपल काशीनाथ और अन्य कर्मचारियों की गिरफ्तारी हुई। पुलिस उपाधीक्षक, निरीक्षक, उप निरीक्षक, कांस्टेबल और एक विधायक के बंदूकधारी सहित कुछ पुलिस अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया गया। यह भी आरोप है कि इस मामले में मल्लेश्वरम के एक अभ्यर्थी को भी गिरफ्तार किया गया था, जो कथित तौर पर एक वरिष्ठ राजनेता का रिश्तेदार था। 

घोटाले में संलिप्त लगभग 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया 

सूत्रों ने बताया कि इस सिलसिले में अब तक 40 'चयनित' उम्मीदवारों, एजेंटों, परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों और पुलिस वालों सहित लगभग 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। घोटाले के संदिग्ध प्रत्येक उम्मीदवारों ने कथित तौर पर नौकरी पाने के लिए 70 लाख रुपये का भुगतान किया था। उल्लेखनीय है कि 545 पदों को भरने के लिए PSI भर्ती अभियान अक्टूबर 2021 में शुरू हुआ था। घोटाला सामने आने के बाद सरकार ने PSI भर्ती परीक्षा को रद्द करते हुए नए सिरे से परीक्षा कराने का आदेश दिया था। इस कदम से नाराज़ कुछ उम्मीदवारों ने परीक्षा रद्द करने के आदेश को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। हालांकि, सरकार अडिग रही और कहा कि वह बाद में नए सिरे से परीक्षा आयोजित कराएगी। इसमें विपक्ष ने सरकार में हाई-प्रोफाइल लोगों की संलिप्तता का आरोप लगाया। इस पर गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा था कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।

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