Thursday, April 25, 2024
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दिल्ली में मेयर की लड़ाई पर हाई वोल्टेज ड्रामा, क्या है AAP-BJP के बीच इस विवाद का कारण

दिल्ली में मेयर को लेकर शुरू हुई सियासी लड़ाई हाथापाई से धरना-प्रदर्शन पर आ गई है। आखिर दिल्ली में मेयर चुनाव को लेकर ये लड़ाई इतनी हाईवोल्टेज कैसे हो गई, इसकी वजह हम आपको बताएंगे।

Swayam Prakash Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Updated on: January 09, 2023 14:50 IST
दिल्ली में मेयर पद के चुनाव पर घमासान- India TV Hindi
Image Source : TWITTER दिल्ली में मेयर पद के चुनाव पर घमासान

दिल्ली में मेयर को लेकर शुरू हुई सियासी लड़ाई हाथापाई से धरना-प्रदर्शन पर आ गई है। पहले मेयर पद के लिए वोटिंग के दिन सिविक सेंटर में हंगामा हुआ और अब सड़क पर लड़ाई हो रही है। आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच संग्राम चल रहा है। AAP के नेता और कार्यकर्ता बीजेपी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं तो जवाब में बीजेपी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री केजरीवाल के घर के बाहर नारेबाजी और विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। आखिर दिल्ली में मेयर चुनाव को लेकर ये लड़ाई इतनी हाईवोल्टेज कैसे हो गई, इसकी वजह हम आपको बताएंगे। 

ये हैं एमसीडी विवाद की मुख्य वजहें

केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड लगा दिए हैं। लेकिन बीजेपी कार्यकर्ता बेकाबू हैं। बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं बीजेपी के जवाब में आम आदमी पार्टी भी प्रदर्शन कर रही है। AAP के कई बड़े नेता और कार्यकर्ता बीजेपी हेडक्वार्टर के बाहर हंगामा कर रहे हैं। यह विवाद कब तक चलता रहेगा इसके विषय में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। आपको बता दें कि दिल्ली नगर निगम में विवाद की मुख्य वजह उप राज्यपाल द्वारा मनोनीत पार्षद, पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति और हज कमेटी के गठन से दिल्ली की राजनीति पर पड़ने वाला प्रभाव भी है। यही तीन बिंदु एमसीडी नगर निगम के विवाद की मुख्य वजह है।

  1. एलजी द्वारा मनोनीत पार्षद अहम कारण 
    दिल्ली नगर निगम के लिए एलजी वीके सक्सेना ने 10 पार्षद मनोनीत किए हैं। उप राज्यपाल द्वारा मनोनीत पार्षदों को एल्डरमैन कहा जाता है। इस पर आम आदमी पार्टी का आरोप है कि एलजी ने चुनी हुई सरकार को बाईपास कर बीजेपी के कार्यकर्ताओं को एल्डरमैन बना दिया है। उपराज्यपाल आम आदमी पार्टी द्वारा लगाए हुए इस आरोप को सिरे से खारिज कर चुके हैं।
     
  2. हज कमेटी में कांग्रेस पार्षद की एंट्री
    एमसीडी विवाद की एक वजह हज कमेटी का गठन भी है। आम आदमी पार्टी का दावा है कि कमेटी में शामिल कांग्रेस पार्षद नाजिया दानिश को चेयरमैन बनाने के लिए हज कमेटी में शामिल किया गया है। ताकि कांग्रेस के पार्षद महापौर चुनाव में सदन में वोट न करें। आप का दावा है कि अभी तक दिल्ली की चुनी हुई सरकार की ओर से प्रस्तावित व्यक्ति हज कमेटी का चेयरमैन बनता था। आम आदमी पार्टी इसे बीजेपी की कांग्रेस के साथ डील बता रही है। बीजेपी ने इस बात का पूरी तरह से खंडन किया है।
     
  3. पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति
    इस विवाद में तीसरी वजह ये है कि आम आदमी पार्टी का कहना है कि सरकार को बाईपास कर एलजी ने पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति कर दी है। ऐसा नहीं होना चाहिए। यह पूरी तरह से गलत है। एलजी ने AAP के इस आरोप को भी गलत बताया है। दिल्ली नगर निगम मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन का चुनाव कराने का मामला एमसीडी विवाद का दूसरा सबसे खास मसला है।

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