Friday, May 10, 2024
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Manipur Violence : इंफाल में बीजेपी नेताओं के घर को जलाने की कोशिश, सुरक्षाबलों और भीड़ के बीच झड़प

मणिपुर में हिंसा की घटनाएं जारी हैं। कल भी विभिन्न इलाकों के हिंसा की छिटपुट घटनाओं की खबरें आती रहीं। इंफाल में बीजेपी नेताओं के घर को जलाने की कोशिश की गई

Niraj Kumar Edited By: Niraj Kumar
Updated on: June 17, 2023 11:24 IST
मणिपुर में गश्त लगाते सुरक्षाकर्मी- India TV Hindi
Image Source : पीटीआई मणिपुर में गश्त लगाते सुरक्षाकर्मी

इंफाल/कोलकाता : मणिपुर में हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इंफाल में भीड़ ने जहां भारतीय जनता पार्टी  के नेताओं के घर जलाने की भी कोशिश की वहीं सुरक्षाबलों और भीड़ के बीच शुक्रवार को रातभर हुई झड़पों में दो नागरिक घायल हो गए।  मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के क्वाकटा और चुराचांदपुर जिले के कंगवई में  पूरी रात गोलीबारी होने की खबर है। इंफाल पश्चिम के इरिंगबाम पुलिस थाने में लूट की कोशिश की गई। हालांकि, इस दौरान कोई हथियार चोरी नहीं हुआ। 

सुरक्षा बलों ने किया फ्लैग मार्च

अधिकारियों के अनुसार, दंगाइयों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए सेना, असम राइफल्स और मणिपुर रैपिड एक्शन पोर्स ने इंफाल में आधी रात तक संयुक्त मार्च निकाला।  लगभग 1,000 लोगों की भीड़ ने महल परिसर के पास स्थित इमारतों में आग लगाने की कोशिश की। अधिकारियों के मुताबिक, आरएएफ ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और रबड़ की गोलियां चलाईं। इंफाल में भीड़ ने विधायक बिस्वजीत के घर में आग लगाने की कोशिश भी की। हालांकि, आरएएफ की टुकड़ी ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया। 

सड़क जाम, तोड़फोड़ और आगजनी

इसी तरह, आधी रात के करीब इंफाल में पोरमपेट के पास बीजेपी (महिला शाखा) की अध्यक्ष शारदा देवी के घर में भीड़ ने तोड़फोड़ करने की कोशिश की। सुरक्षाबलों ने युवकों को खदेड़ दिया। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले दिन में भीड़ ने शुक्रवार को इंफाल शहर के बीचोंबीच सड़कों को जाम कर दिया और संपत्ति को आग लगा दी। केंद्रीय मंत्री आर के रंजन सिंह के घर पर बृहस्पतिवार रात हमला किया गया और उसे जलाने का प्रयास किया गया। 

रिटायर्ड आईएएस अधिकारी के गोदाम को जलाया

एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी का शाही महल के पास स्थित गोदाम शुक्रवार को पूरी तरह से जलकर नष्ट हो गया। सुरक्षा गार्ड और दमकलकर्मी भीड़ द्वारा आगजनी के कई प्रयास नाकाम करने में सफल रहे। गोदाम में आग लगाने के बाद शुक्रवार शाम भीड़ आरएएफ कर्मियों से भिड़ गई। अधिकारियों ने कहा कि भीड़ ने वांगखेई, पोरोमपत और थंगापत में सड़कों पर टायर, लकड़ी और कचरा भी जलाया, जिससे मणिपुर की राजधानी में यातायात प्रभावित हुआ। 

जातीय हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की जा चुकी है जान

मणिपुर में एक महीने पहले मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। मणिपुर सरकार ने राज्य में अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए 11 जिलों में कर्फ्यू लगाने के साथ इंटरनेट सेवाओं को प्रतिबंधित कर दिया है। अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद पहली बार तीन मई को झड़पें हुईं। मेइती समुदाय की आबादी मणिपुर की कुल आबादी का लगभग 53 प्रतिशत है और इसके ज्यादातर सदस्य इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी कुल आबादी का 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं। (भाषा)

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