Sunday, April 28, 2024
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Rajat Sharma's Blog | केजरीवाल गिरफ्तार : इसका क्या राजनीतिक असर होगा ?

केजरीवाल ने ED के 9 समन को ठुकरा दिया, हाईकोर्ट में ED के नोटिस को चुनौती दी, कोर्ट में भी केजरीवाल की तरफ से यही कहा गया कि ये एक राजनीतिक बदले की कार्रवाई है और उन्हें चुनाव में कैंपेन करने से रोकने के लिए, गिरफ्तार किया जा रहा है।

Rajat Sharma Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: March 22, 2024 19:09 IST
Rajat Sharma, India TV- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

दिल्ली शराब घोटाले में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को दिल्ली, हरियाणा , पंजाब और दूसरे राज्यों में विरोध प्रदर्शन किया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम गुरुवार की शाम को एक तलाशी वारंट लेकर केजरीवाल के सरकारी निवास पर पहुंची, करीब दो घंटे तक उनसे पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर अपने दफ्तर ले गई। शुक्रवार को उन्हें दिल्ली के स्पेशल कोर्ट में रिमांड के लिए पेश किया गया। स्पेशल जज कावेरी बवेजा की अदालत में एडिशनल सॉलीसीटर जनरल एस. वी. राजू ने आरोप लगाया कि केजरीवाल 600 करोड़ रुपये के शराब घोटाले के मुख्य सूत्रधार हैं और दूसरे आरोपियों से आमना-सामना करवाने के लिए उनको हिरासत में रखना जरूरी है। राजू ने ये भी आरोप लगाया कि 45 करोड़ रुपये की रिश्वत चार बार हवाला के रास्ते गोवा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी तक पहुंचाया गया। उन्होंने दावा किया कि call detail records के जरिए गवाहों के तमाम बयानात की पुष्टि हुई है। राजू ने ये भी कहा कि पंजाब में चुनाव लड़ने के लिए शराब कारोबारियों से 100 करोड़ रुपये मांगे गए। 

केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा कि न्यायाधीश को इसे महज़ रिमांड आवेदन के रूप में नहीं लेना चाहिए, बल्कि सूक्ष्म न्यायिक दिमाग लगाना चाहिए क्योंकि इससे लोकतंत्र के व्यापक हित जुड़े हुए हैं। केजरीवाल पर गिरफ्तारी की तलवार तो पिछले 5 महीने से लटकी हुई है लेकिन इस पूरे मामले की पृष्ठभूमि पर फिर से गौर करने का ये मौका है। केजरीवाल और उनके साथी पहले दिन से यही कह रहे हैं कि शराब आबकारी नीति के मामले में कोई घोटाला हुआ ही नहीं। वो कहते रहे कि मनीष सिसोदिया कट्टर ईमानदार हैं, उन्हें इसीलिए पकड़ा गया कि वो दिल्ली के बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहे थे। फिर संजय सिंह कहने लगे कि हिम्मत है तो मुझे गिरफ्तार करके दिखाओ, सिर्फ आरोप लगाते हो, गिरफ्तार क्यों नहीं करते। ये दोनों कई महीनों से जेल में हैं। जमानत के लिए हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक गए पर राहत नहीं मिली लेकिन आम आदमी पार्टी यही कहती रही कि देखो एक रुपया भी कहीं से रिकवर नहीं हुआ, केसेज़ झूठे हैं। 

ED के लोगों का कहना है कि मनी ट्रेल तक पहुंचने के लिए उन्हें 100 जगह रेड करनी पड़ी, पैसा इतनी चतुराई से इधर उधर किया गया था कि उसके तार जोड़ना ब़डा मुश्किल काम था। आखिरकार ये लिंक के.सी.आर. की बेटी के. कविता से जुड़े। आंच केजरीवाल तक कैसे पहुंची, इसके बारे में अभी तक कोई पक्की जानकारी नहीं मिली है लेकिन केजरीवाल ने ED के 9 समन को ठुकरा दिया, हाईकोर्ट में ED के नोटिस को चुनौती दी,  कोर्ट में भी केजरीवाल की तरफ से यही कहा गया कि ये एक राजनीतिक बदले की कार्रवाई है और उन्हें चुनाव में कैंपेन करने से रोकने के लिए, गिरफ्तार किया जा रहा है। आज भी उनका यही तर्क है। परंपरागत राजनीति से चलने वाले लोग ये कह सकते हैं कि चुनाव के पहले किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करना उल्टा पड़ सकता है, बूमरैंग कर सकता है, लेकिन मोदी सरकार का टैंपरामेंट देखा जाए तो अब तक का अनुभव यही है कि इस सरकार ने  कभी राजनीतिक असर की परवाह नहीं की, चुनावों की परवाह नहीं की। सियासी नफा-नुकसान की परवाह नहीं की । जो केस जब बना, जहां बना, जैसा बना, उसमें एक्शन के लिए एजेंसीज को पूरी छूट दी गई। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 21 मार्च 2024 का पूरा एपिसोड

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