Saturday, April 27, 2024
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जुलाई में तो खूब हुई बारिश, अब अगस्त-सितंबर में कैसे रहेंगे हालात? IMD ने दिया बड़ा अपडेट

IMD महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा बताया कि अल नीनो से अब तक मानसूनी बारिश पर कोई असर नहीं पड़ा है। अल नीनो आमतौर पर भारत में मानसूनी हवाओं के कमजोर होने और शुष्क मौसम से जुड़ा है।

Sudhanshu Gaur Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: July 31, 2023 19:46 IST
RAIN, WEATHER, IMD- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV मौसम अपडेट

नई दिल्ली: मई-जून और जुलाई में बादल कई जगहों पर मेहरबान रहे। मई-जून में तो बारिश की वजह से ज्यादा गर्मी ही नहीं पड़ी। वहीं जुलाई में तो कई जगहों पर ऐसी बारिश हुई कि बाढ़ जैसे हालात बन गए। हिमाचल प्रदेश में तो बाढ़ की वजह से कई लोगों की मौत हो गई। दिल्ली के निचले इलाकों में भी बाढ़ आ गई। कुल मिलाकर कहें तो अब तक बारिश किसी के लिए राहत तो किसी के लिए आफत साबित हुई। अब अगस्त और सितंबर में बारिश को लेकर IMD ने अपडेट दिया है।

कहीं कम तो कहीं ज्यादा होगी बारिश 

  
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को बताया कि जुलाई में मूसलाधार बारिश के बाद देश में मानसून सीजन के दूसरे हिस्से (अगस्त एवं सितम्बर) के दौरान सामान्य बारिश होने का अनुमान है। विभाग ने कहा कि पूर्वी मध्य भारत, पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्र के कुछ हिस्सों तथा हिमालय के अधिकांश उपसंभागों में सामान्य और इससे थोड़ी अधिक बारिश होने का अनुमान है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश हिस्सों और उत्तर-पश्चिम व मध्य भारत के पश्चिमी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है। 

जुलाई में 13 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई

उन्होंने कहा कि एक ओर जहां भारत में जुलाई में 13 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई, वहीं देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में 1901 के बाद से इस महीने में तीसरी सबसे कम बारिश दर्ज हुई। महापात्रा ने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत में 2001 के बाद से जुलाई में सबसे अधिक (258.
6 मिलीमीटर) वर्षा दर्ज की गई। आईएमडी प्रमुख ने कहा कि भारत में मानसूनी बारिश में उतार-चढ़ाव देखा गया है और जून में नौ फीसदी कम, जबकि जुलाई में 13 फीसदी अधिक बारिश हुई है। देश में अब तक मानसून सीजन में सामान्य बारिश (445.8 मिमी) की तुलना में 467 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो पांच प्रतिशत से अधिक है। 

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