Friday, May 03, 2024
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Wheat import: भारत सरकार विदेशों से नहीं मंगवाएगी गेहूं, कहा-'पर्याप्त भंडार, हीटवेव के कारण उपज में आई कमी'

Wheat import: भारत में गेहूं खरीदने की कोई जरूरत नहीं है। देश की घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक है।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: August 22, 2022 12:26 IST
Wheat Production in India- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Wheat Production in India

Wheat import: भारत गेहूं की उपज में दुनियाभर में अग्रणी है। भारत में लोगों को खिलोने के लिए पर्याप्त भंडार है। सरकार ने ब्लूमबर्ग की उस रिपोर्ट को गलत ठहराया है, जिसमें कहा गया कि देश में हर साल पैदावार में कमी आ रही है। लगातार गेहूं की कीमतें बढ़ रही हैं। इस कारण सरकार बाहर से गेहूं आयात करने पर विचार कर रही है। 

दरअसल, ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पीएम मोदी ने यूक्रेन और रूस के युद्ध शुरू होने पर कहा था कि उनका देश दुनिया को गेहूं निर्यात कर सकता हैै, पर पैदावार में कमी होने के कारण निर्यात नहीं हो सकेगा। गर्मी और हीटवेव के कारा इस बार गेहूं की उपज कम हुई है। इस कारण गेहमं की कमी को पूरा करना मुश्किल हो सकता है और सरकार को गेहूं का आयात करना पड़ सकता है।

इस रिपोर्ट का खंडन करते हुए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने सोशल मीडिया पर लिखा भारत में गेहूं खरीदने की कोई जरूरत नहीं है। देश की घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक है। सार्वजनिक वितरण के लिए भी स्टॉक है। भारत से गेहूं की खरीद पिछले साल की अपेक्षा 57% गिरकर 1.88 करोड़ टन हो गई।

हीटवेव के कारण कम उत्पादन

केंद्र सरकार ने 17 अगस्त को पैदावार का अनुमान बढ़ा दिया है। व्यापारी हीटवेव के कारण कम उत्पादन कर रहे हैं। कृषि मंत्रालय के नए आंकड़ों में कहा गया कि दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा अनाज उत्पादक ने गेहूं में इस साल 10.684 करोड़ टन की पैदावार की।अमेरिकी कृषि विभाग ने भारत में अनाज उत्पादन 9.9 करोड़ टन ज्यादा होने का अंदाजा लगाया है, जबकि व्यापारियों का अनुमान है कि हीटवेव के कारण उत्पादन 9.5 करोड़ टन तक कम हो गया है।

गेहूं उत्पादन में आई तीन फीसदी की कमी

भारत का गेहूं उत्पादन लगभग तीन प्रतिशत घटकर 10.684 करोड़ टन रहने का अनुमान है। हालांकि फसल वर्ष 2021-22 में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 31.572 करोड़ टन होने का अनुमान है। दरअसल देश के उत्तरी राज्यों पंजाब और हरियाणा में गेहूं की फसल पकने के समय भीषण गर्मी पड़ने से गेहूं का उत्पादन कम होने का अनुमान है। 

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