Thursday, April 25, 2024
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योगी की 'अब्बा जान' वाली टिप्पणी पर ओवैसी का तंज, कहा- अगर काम किए होते तो नहीं देना पड़ता ऐसा बयान

ओवैसी ने अपने पहले ट्वीट में कहा कि 'कैसा तुष्टिकरण? प्रदेश के मुसलमानों की साक्षरता-दर सबसे कम है, मुस्लिम बच्चों का Dropout rate सबसे ज़्यादा है। मुस्लिम इलाक़ों में स्कूल-कॉलेज नहीं खोले जाते।अल्पसंख्यकों के विकास के लिए केंद्र सरकार से बाबा की सरकार को ₹16207 लाख मिले थे, बाबा ने सिर्फ ₹1602 लाख खर्च किया।' 

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 13, 2021 16:43 IST
योगी की 'अब्बा जान' वाली टिप्पणी पर ओवैसी का तंज, कहा- अगर काम किए होते तो नहीं देना पड़ता ऐसा बयान- India TV Hindi
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'अब्बा जान' वाले बयान पर सियासी घमासान तेज हो गया है। जहां एक ओर विपक्षी दलों ने यूपी के सीएम को निशाने पर लिया है, वहीं दूसरी ओर अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने योगी आदित्यनाथ के कामकाज पर सीधा हमला बोला है। असदुद्दीन ओवैसी ने एक के बाद एक लगातार 3 ट्वीट कर योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। बता दें कि, उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वोटों के ध्रुवीकरण का खेल शुरू हो गया है। 

ओवैसी ने अपने पहले ट्वीट में कहा कि 'कैसा तुष्टिकरण? प्रदेश के मुसलमानों की साक्षरता-दर सबसे कम है, मुस्लिम बच्चों का Dropout rate सबसे ज़्यादा है। मुस्लिम इलाक़ों में स्कूल-कॉलेज नहीं खोले जाते।अल्पसंख्यकों के विकास के लिए केंद्र सरकार से बाबा की सरकार को ₹16207 लाख मिले थे, बाबा ने सिर्फ ₹1602 लाख खर्च किया।' 

इसके बाद दूसरे ट्वीट में ओवैसी ने कहा कि '2017-18 में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत मात्र 10 मुसलमानों को घर मिले। 'अब्बा' के बहाने किसके वोटों का पुष्टिकरण हो रहा है बाबा? देश के 9 लाख बच्चे गंभीर तौर पर कुपोषित हैं, जिसमें से 4 लाख बच्चे सिर्फ़ उ.प्र से हैं।'

इसके बाद अपने तीसरे और आखिरी ट्वीट में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 'ग्रामीण उत्तर प्रदेश में 13944 sub-centres की कमी है, 2936 PHC की कमी है, 53% CHC की कमी है। केंद्र सरकार के मुताबिक़ बाबा-राज में उ.प्र के PHC में सबसे कम डॉक्टर मौजूद हैं। कुल 2277 डाक्टरों की कमी है। अगर काम किए होते तो “अब्बा, अब्बा” चिल्लाना नहीं पड़ता।'

'अब्बा जान' संबंधी टिप्पणी पर विपक्षी दलों ने योगी की आलोचना की 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा की गई 'अब्बा जान' संबंधी टिप्पणी की विभिन्न राजनीतिक दलों ने कड़ी आलोचना की है और इसे असंसदीय भाषा करार दिया है। मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में कहा, ''मेरा हमेशा से मानना रहा है कि भाजपा की मंशा घोर सांप्रदायिकता और नफरत के अलावा किसी अन्य एजेंडे पर चुनाव लड़ने की नहीं है तथा उसका सारा जहर मुस्लिमों के प्रति होता है। यहां एक मुख्यमंत्री हैं जो दोबारा यह दावा कर चुनाव जीतना चाहते हैं कि मुस्लिमों ने हिंदुओं के हिस्से का पूरा राशन खा लिया।’’ 

जानिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा था

बता दें कि, योगी ने रविवार को कुशीनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दर्शकों से पूछा था कि क्या उन्हें राशन मिल रहा है और 2017 से पहले यह राशन उन्हें कहां से मिल रहा था? मुख्यमंत्री ने कहा था, ''क्योंकि तब 'अब्बा जान' कहे जाने वाले लोग राशन को खा जाते थे। कुशीनगर का राशन नेपाल और बांग्लादेश जाता था। आज अगर कोई गरीब लोगों के राशन को हथियाने की कोशिश करेगा, तो वह निश्चित रूप से जेल चला जाएगा।'' 

ऐसी भाषा का इस्तेमाल लोकतंत्र के लिए दुखद- सपा

समाजवादी पार्टी (सपा) के विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें (योगी आदित्यनाथ) असंसदीय भाषा का उपयोग शोभा नहीं देता, और यह दर्शाता है कि वह कम पढ़े-लिखे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि जो पढ़े-लिखे हैं, वे उचित और सम्मानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं। संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति को ऐसी भाषा के इस्तेमाल से बचना चाहिए। ऐसी भाषा का इस्तेमाल लोकतंत्र के लिए भी दुखद है।" वहीं, कांग्रेस की उप्र इकाई के प्रवक्ता अशोक सिंह ने योगी की टिप्पणी पर कहा, "उप्र के मुख्यमंत्री द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा वास्तव में लोकतंत्र को कलंकित करती है, और इसका उद्देश्य समाज को विभाजित करना है।''

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