सर्दियों में लोग विटामिन, खनिज, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चुकंदर खूब खाते हैं लेकिन क्या अपने कभी बीटरूट की कांजी का सेवन किया है. बीटरूट कांजी प्रोबायोटिक से भरपूर पेय है जो सर्दियों में खासतौर पर पिया जाता है। चलिए जानते हैं इस पेय को बनाने की सही विधि?
चुकंदर कांजी के लिए सामग्री:
2 चुकंदर, डेढ़ चम्मच काली सरसों का पाउडर, आधा चम्मच काला नमक, स्वादानुसार सादा नमक, आधा चम्मच लाल मिर्च पाउडर, एक लीटर पानी, कांच की जार
चुकंदर कांजी बनाने की विधि:
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पहला स्टेप: सबसे पहले चुकंदर को धोएं फिर उसे छीलकर स्टिकशेप में में काट लें। जितना पतला काटेंगे, कांजी उतनी जल्दी तैयार होगी।
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दूसरा स्टेप: अब, एक बड़े बर्तन मेंएक लीटर पानी लें। उसमें काली सरसों का पाउडर, काला नमक, सादा नमक और लाल मिर्च पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलाएं। अब कटे हुए चुकंदर को इस पानी में डालकर अच्छी तरह मिला दें।
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तीसरा स्टेप: अब चुकंदर के इस मिश्रण को कांच के जार में भरें। जार को लेनिन के कपड़ों से बांध दें और ऊपर से ढककर रख दें. ध्यान रखें उसे टाइट बंद न करें। कांजी के लिए कांच का जार ही इस्तेमाल करें। स्टील या प्लास्टिक के जार का इस्तेमाल करने से स्वाद बदल सकता है।
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चौथा स्टेप: अब इस जार को 3-4 दिनों तक धूप में रखें। रोज़ एक बार जार को हिलाएँ। 3-4 दिनों में इसका रंग बैंगनी हो जाता है। यही संकेत है कि कांजी तैयार है। अगर मौसम ठंडा है, तो कांजी बनने में 1–2 दिन ज्यादा लग सकते हैं। कांजी को छानकर ठंडा पीएँ। स्टोर करने के लिए कांजी को फ्रिज में रखें।
चुकंदर की कांजी के फायदे
चुकंदर की कांजी पाचन सुधारती है, इम्यूनिटी बढ़ाती है, शरीर को डिटॉक्स करती है, खून साफ करती है, वजन घटाने में मदद करती है और त्वचा में निखार लाती है क्योंकि इसमें प्रोबायोटिक्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं, जो आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं और मेटाबॉलिज्म बढ़ाते हैं