Wednesday, May 15, 2024
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Hanuman Jayanti 2022: हनुमान जयंती पर करें इन मंत्रों का जाप, कभी नहीं खाली रहेगी तिजोरी

16 अप्रैल 2022 को हनुमान जयंती है। इसी दिन भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार, यानि श्री हनुमान जी का जन्म हुआ था। 

India TV Lifestyle Desk Edited by: India TV Lifestyle Desk
Published on: April 12, 2022 15:55 IST
Hanuman Jayanti 2022- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM- @BHAGWAN_K_BHAKT_NAGRI Hanuman Jayanti 2022

Highlights

  • हनुमान जयंती 16 अप्रैल 2022 को है।
  • हनुमान जयंती पर हनुमान जी का जन्म हुआ था।

Hanuman Jayanti 2022: इस बार हनुमान जयंती 16 अप्रैल 2022 को है। इसी दिन भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार, यानि श्री हनुमान जी का जन्म हुआ था। वैसे मतांतर से चैत्र पूर्णिमा के अलावा कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भी हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है । पौराणिक ग्रन्थों में दोनों का ही जिक्र मिलता है । लेकिन वास्तव में चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती और कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है । हनुमान जयंती पर श्री हनुमान जी की उपासना व्यक्ति को हर प्रकार के भय से मुक्ति दिलाकर सुरक्षा प्रदान करती है । साथ ही हर प्रकार के सुख-साधनों से फलीभूत करती है । 

हनुमान जयंती के अवसर पर श्री हनुमान की विशेष रूप से उपासना की जानी चाहिए। आज श्री हनुमान की उपासना व्यक्ति को हर प्रकार के भय से मुक्ति दिलाकर सुरक्षा प्रदान करती है। साथ ही हर प्रकार के सुख-साधनों से फलीभूत करती है। हनुमान जी की उपासना से आप किस प्रकार लाभ पा सकते हैं, हम आपको इसकी जानकारी दे रहे हैं।

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हनुमान जी के द्वादशाक्षरी मंत्र 

हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट्।

इस मंत्र के जप से व्यक्ति को हर प्रकार के भय और खासकर कि वाहन दुर्घटना के भय से छुटकारा मिलता है। लेकिन  इस मंत्र के जप से पहले द्वादशाक्षरी यंत्र का निर्माण किया जाना बहुत जरूरी है। यंत्र निर्माण के लिये भोजपत्र पर लाल चन्दन की कलम से और अगर ये सब न मिले, तो एक सादे कागज पर लाल स्कैच पेन से पहले एक अष्टदल कमल बनाएं। उसके अंदर बायीं और दायीं तरफ एक-एक अर्द्धवृत्ताकार लाइन बनाएं। फिर उन दोनों लाइनों के बीच में हनुमान जी का द्वादशाक्षरी मंत्र लिखें -

हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट्।

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इस प्रकार आपका यंत्र तो बन गया, अब उस यंत्र को अपने मन्दिर में या ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व दिशा में लकड़ी की चौकी पर स्थापित करें। अब अष्टदल के बीच में लिखे मंत्र में हनुमान जी के स्वरूप की कल्पना करके उनका आह्वाहन करें और आठ अंजुलि पुष्पों से मंत्र के साथ हनुमान जी की पूजा करें, यानी हर बार एक अंजलि पुष्प चढ़ाने के बाद मंत्र पढें- हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट्।

इसके बाद भगवान श्री राम का ध्यान करके उन्हें प्रणाम करें। फिर अष्टदल कमल के आठ दलों में क्रम से सुग्रीव, लक्ष्मण, अंगद, नल, नील, जाम्बवान, कुमुद और केसरी का ध्यान करके हनुमान जी के मंत्र जप के साथ गंध और पुष्प से पूजन करना चाहिए। साथ ही माता अंजनि की भी पूजा करें और फिर सभी दिशाओं का ध्यान करते हुए शांत मन से एक जगह पर बैठकर हनुमान जी के द्वादशाक्षरी मंत्र का जप शुरू करें। आपको जितने मंत्र का जप करना है, उसका संकल्प यंत्र निर्माण की शुरुआत में ही ले लें। 

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 हनुमान जी के द्वादशाक्षरी मंत्र का 1008 बार जप करना चाहिए, लेकिन अगर इतना न हो सके तो 108 मंत्रों का जप अवश्य ही करें। इस प्रकार हनुमान जी के द्वादशाक्षरी मंत्र से सिद्ध किये हुए यंत्र को वाहन आदि पर लगाने से आप अपने वाहन की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। हनुमान जी का ये द्वादशाक्षरी यंत्र वही यंत्र है, जिसे महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन के रथ की पताका पर लगाया था और जिसको लगाने के बाद से अर्जुन युद्ध में विजयी होते गए।

अगर आप भी आज इस यंत्र को बनाकर अपने वाहन, अपनी कार या मोटरसाईकिल आदि पर लगाते हैं, तो आपको कभी भी वाहन दुर्घटना का भय नहीं रहेगा और सफर पर जाते समय आपकी सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। तो आज इस यंत्र को अपने वाहन आदि पर लगाना आपके लिये बहुत ही लाभकारी होगा। इससे आप हर तरह की मुसीबत से बचे रहेंगे।

मंत्रमहार्णव में दिया हनुमान जी के चौदह अक्षरों का विशेष मंत्र 

ऊँ नमो हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा।

अगर आज इस मंत्र का 108 बार जप करने के बाद आम के पत्ते पर गुलाल बिछाकर, अनार की कलम से उस गुलाल पर हनुमान जी का ये चौदह अक्षरों का मंत्र लिखा जाये, तो इससे व्यक्ति की हर इच्छा पूरी हो सकती है। इस मंत्र के प्रयोग से आप अपने हर कार्य को सफल बना सकते हैं। इसी मंत्र का एक और प्रारूप भी समझ लीजिये- ऊँ नमो हरि मर्कट मर्कटाय अमुकं हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा।

अब इस मंत्र का प्रयोग भी जान लेते हैं - आज इस मंत्र को भोजपत्र पर या सादे कागज पर सिन्दूर से लिखकर हनुमान जी के मस्तक पर चिपकाना चाहिए और हनुमान जी की पंचोपचार से पूजा करनी चाहिए। साथ ही हनुमान जी के मस्तक पर सरसों के तेल की धारा डालनी चाहिए। आज ऐसा करने से शत्रुओं का नाश होता है या शत्रु अपने सारे हथियार आपके सामने डाल देता है।

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हनुमान जी का दशाक्षर मंत्र

हं पवन नन्दनाय स्वाहा।

आज हनुमान जयंती के इस विशेष अवसर पर आपको हनुमान जी के आगे चमेली के तेल का दीपक जलाकर उनके इस दशाक्षर मंत्र का कम से कम एक माला, यानी 108 बार जप करना चाहिए। आज इस मंत्र का जप करने से आपको विद्या और धन की प्राप्ति होगी। नौकरी में आपको अच्छे पद की प्राप्ति होगी। साथ ही विरोधियों से आपको छुटकारा मिलेगा।

ॐ नमो भगवते पंचवदनाय पूर्वकपिमुखाय ठं ठं ठं ठं ठं सकल शत्रु संहारकाय स्वाहा।

अगर आप आज इस मंत्र का केवल 11 बार भी जप करें, तो आपको ऑफिस में लोग आपके पीछे बुरी बातें कहना बंद कर देंगे। मुकदमे में जीत हासिल होगी। इसके अलावा पड़ोसियों से या रिश्तेदारों से आपको किसी प्रकार की परेशानी महसूस हो रही है, तो उससे भी आपको राहत मिलेगी।

ऊँ नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिमुखाय गरुडाननाय मं मं मं मं मं सकल विषहराय स्वाहा।।

इस मंत्र का 21 बार जप करने से आपको अपने आस-पास हर तरह की निगेटिविटी से छुटकारा मिलेगा।

धन-दौलत की नहीं होगी कमी, करें इस मंत्र का जाप

अगर आप अपनी तिजोरियां भरना चाहते हैं, अपने धन-दौलत में वृद्धि करना चाहते हैं, तो आज आपको हनुमान जी के इस मंत्र का 11 बार जप करना चाहिए। मंत्र है-

ऊँ नमो भगवते पंचवदनाय उत्तरमुखाय आदिवराहाय लं लं लं लं लं सकल संपत्कराय स्वाहा।।

आज इस मंत्र का जप करने से आपकी धन-दौलत में वृद्धि होगी और आपकी तिजोरियां भरी रहेंगी।

 अगर आपके घर-परिवार में किसी प्रकार की परेशानी बनी हुई है, जिसके चलते सबका मन अशांत हो गया है, तो आज आपको श्री हनुमान के इस मंत्र का 11 बार जप करना चाहिए। मंत्र है-

ॐ नमो भगवते पंचवदनाय दक्षिणमुखाय करालवदनाय नरसिंहाय ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रें ह्रौं ह्रः सकल भूत प्रमथनाय स्वाहा।

इस प्रकार मंत्र जप के बाद हनुमान जी को पुष्प अर्पित करें। आज ऐसा करने से आपके घर-परिवार में चल रही परेशानी दूर होगी और सबका मन
शांत रहेगा।

जो लोग जीवन में खूब तरक्की पाना चाहते हैं, सफलता के शिखर पर पहुंचना चाहते हैं, उन लोगों को आज हनुमान जयंती के अवसर पर हनुमान मन्दिर की छत पर सवा दो हाथ लंबी लाल रंग की पताका लगानी चाहिए। साथ ही इस मंत्र का 11 बार जप करना चाहिए।

ऊँ नमो भगवते पंचवदनाय ऊर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय रूं रूं रूं रूं रूं रुद्रमूर्तये सकलजन वशकराय स्वाहा।।

आज ऐसा करने से आप जीवन में खूब तरक्की करेंगे।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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