देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर से एक चिंताजनक खबर सामने आई है। शहर के भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी की सप्लाई के कारण 35 से अधिक लोग बीमार हो गए हैं। सभी गंभीर मरीजों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले की जानकारी मिलते ही मंत्री कैलाश विजयवर्गीय देर रात अस्पताल पहुंचे और मरीजों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पूरे मामले पर तत्काल संज्ञान लेते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं।
उल्टी, दस्त, पेट दर्द और बदहजमी जैसे लक्षण
जानकारी के अनुसार, भागीरथपुरा क्षेत्र में 24 दिसंबर से लगातार लोग बीमार हो रहे थे। शुरुआत में कुछ ही मरीज सामने आए थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 300 से अधिक हो चुकी है। लोगों में उल्टी, दस्त, पेट दर्द और बदहजमी जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। हालात बिगड़ने पर मरीजों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
सरकार ने नि:शुल्क इलाज कराने का दिया निर्देश
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अस्पताल पहुंचकर मरीजों और उनके परिजनों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि सभी मरीजों का इलाज सरकार की ओर से नि:शुल्क कराया जाएगा। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार पूरी तरह स्थिति पर नजर बनाए हुए है। हालांकि, सभी मरीजों की स्थिति अभी स्थिर है।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जताई ये आशंका
मंत्री विजयवर्गीय ने आशंका जताता हुए कहा कि इलाके में चल रही खुदाई के दौरान किसी ड्रेनेज लाइन के टूटने से पानी दूषित हुआ हो सकता है या फिर सप्लाई के दौरान पानी में गंदगी मिली हो। इसी वजह से लोग बीमार पड़े हैं। फिलहाल पानी के सैंपल लिए जा चुके हैं और जांच के तत्काल आदेश दे दिए गए हैं।
पानी को उबालकर पीने के निर्देश
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौके पर मौजूद हैं और हालात पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। एहतियात के तौर पर भागीरथपुरा क्षेत्र के लोगों से अपील की गई है कि वे फिलहाल पानी को उबालकर या गर्म करके ही उपयोग करें।
सीएम ने सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही जा रही है। फिलहाल प्रशासन का फोकस मरीजों के बेहतर इलाज और हालात को नियंत्रण में रखने पर है।
भरत पाटिल की रिपोर्ट